RANCHI : रिजर्वेशन कोच में जर्नी के लिए कंफर्म टिकट होने के बाद भी काफी पैसेंजर्स को सीट गंवारा नहीं हुआ। चितरंजन स्टेशन पर गुरुवार को दुमका-रांची इंटरसिटी एक्सप्रेस में ये हालत रही। इस कोच की अधिकतर सीटों पर बिना टिकट के ही चढ़े यात्रियों ने कब्जा कर रखा था। इससे अपनी बर्थ के लिए परेशान पैसेंजर्स ने रेल प्रशासन से इसकी शिकायत भी की। लेकिन इसके बाद भी कोई झांकने नहीं आया। जबकि प्रीमियम व एक्सप्रेस ट्रेनों में पैसेंजर्स से मामूली परेशानी की सूचना मिलने पर भी अधिकारियों की तेजी देखते ही बनती है। मगर एक्सप्रेस ट्रेनों में इस तरह की दबंगई के बाद भी इनके कान पर जूं नहीं रेंगती।

रिजर्वेशन टिकट वाले जमीन पर

शुक्रवार को चितरंजन स्टेशन पर पहुंची 18620 दुमका इंटरसिटी एक्सप्रेस के रिजर्व कोच एस-4 में बेबी कुमारी अपने परिवार के साथ रांची आने के लिए चढ़ने वाली थी। लेकिन कोच के दोनों ही गेट को जनरल वाले पैसेंजर्स ने जाम कर रखा था। इतना ही नहीं कोच में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। ऐसे में काफी मशक्कत के बाद वह ट्रेन में चढ़ने में तो सफल हो गई। पर अपनी बर्थ तक पहुंचने में उसके पसीने छूट गए। ठेला-ठेली सहने के बाद किसी तरह अपने बर्थ तक पहुंच पाई तो उसपर बिना टिकट वालों ने कब्जा जमा रखा था। इस ट्रेन में बेबी की ही तरह कई अन्य यात्रियों को भी ये दादागिरी झेलनी पड़ी।

ट्विटर पर कंप्लेन भी नहीं आया काम

ट्रेन में परेशानी देख बेबी के परिजन व अन्य यात्रियों ने 182 रेलवे हेल्पलाइन पर कंप्लेन दर्ज कराई। काफी देर बीत जाने के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं आया। इसके बाद उन्होंने इस उम्मीद में रेल मंत्रालय के ट्विटर अकाउंट पर भी कंप्लेन दर्ज कराई कि यहां से उन्हें जरूर मदद मिलेगी। लेकिन यहां से भी कोई मदद नहीं मिली। थक हारकर रांची पहुंचने के बाद परेशान पैसेंजर्स ने स्टेशन मैनेजर के पास कंप्लेन दर्ज कराई।

दुमका से रांची तक नहीं दिखे टीटीई

सफर के दौरान ट्रेन में टीटीई हमेशा नजर आते हैं। वहीं बिना टिकट और जनरल टिकट वालों का चालान भी काटा जाता है। लेकिन गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह तक यह कोच तो दूर पूरी ट्रेन में एक भी टीटी नजर नहीं आया। जिससे यह साफ है कि रेलवे बेहतर सुविधा देने के नाम पर केवल आईवॉश करता है। ऐसे में इसका खामियाजा एक्सप्रेस ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स को भुगतना पड़ रहा है।

मचाते रहे शोर

इस ट्रेन में सफर के लिए चढ़ी बेबी कुमारी ने बताया कि रिजर्वेशन कराने के बाद भी जब ऐसे सफर करना पड़ेगा तो हमलोग ट्रेन में क्यों जाएंगे। हमारी बर्थ पर ही पैसेंजर्स ने कब्जा जमा रखा था। हटाने के बाद भी वे बर्थ के आसपास ही भटकते रहे। जिससे कि सफर कष्टदायक हो गया। वहीं सीमा ने कहा कि रातभर बिना टिकट वाले पैसेंजर्स ने परेशान कर दिया। पहले तो बर्थ लेने के लिए झगड़ा करना पड़ा। जब बर्थ मिली तो इन लोगों ने शोर मचाना बंद नहीं किया। आखिर टीटी और आरपीएफ वाले कहां रहते है।

Posted By: Inextlive