- आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को स्टेट गवर्नमेंट ने हायर एजुकेशन में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश किया है जारी

- अधिकतर डिग्री कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया हो चुकी है पूरी, सीटें बढ़ाना और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना बड़ी चुनौती

DEHRADUN: आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट्स को स्टेट गवर्नमेंट ने जो 10 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश जारी किया है, वो इस शैक्षणिक सत्र में लागू कर पाना हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के लिए आसान नहीं है। आर्थिक आरक्षण ईडब्ल्यूएस को लागू करने से स्टेट के सभी यूनिवर्सिटी और डिग्री कॉलेजों में सीटें भी बढ़ानी होंगी। जिसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य संसाधन इतने कम समय में जुटाना आसान नहीं है, इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकतर डिग्री कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

जुलाई के अंत में जारी किया आदेश

मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) द्वारा सवर्णो के लिए हायर एजुकेशन में 10 परसेंट आरक्षण तय किया है, जो इसी एजुकेशनल सेशन से लागू किया जाना है। इसी निर्देश को लेकर स्टेट गवर्नमेंट ने भी स्टेट की सभी यूनिवर्सिटी, गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज व सहायता प्राप्त अशासकीय कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्देश दिए हैं। जुलाई के अंत में शासन द्वारा जारी निर्देश के बाद अब हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट इस आरक्षण व्यवस्था को लागू करने में जुट गया है। लेकिन स्टेट के सभी डिग्री कॉलेजों में इस वक्त एडमिशन प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में नए सिरे से आरक्षण व्यवस्था को लागू करना हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट के लिए आसान नहीं होगा। इतना ही नहीं नए आरक्षण सिस्टम को लागू करने के बाद हर डिग्री कॉलेज में औसतन 100 सीटों पर 25 सीटें बढ़ानी होंगी। इस तरह से हर डिग्री कॉलेज में 100 की जगह 125 सीटें उपलब्ध करानी होंगी।

100 सीट बढ़कर हो जाएंगी 125

डिग्री कॉलेजेज में 10 परसेंट ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण लागू करने के लिए सीटें भी बढ़ानी पड़ेंगी। हाल ही में एमसीआई ने भी मेडिकल कॉलेजों में ईडब्लूएस के आरक्षण के बाद सीटें बढ़ाई हैं, इसके बाद जिस कॉलेज में 100 सीटें थी वहां बढ़कर 125 हो गई हैं, यही अनुपात डिग्री कॉलेजज में लागू होगा। इसका गणित इस तरह से समझा जा सकता है कि पहले 100 सीटों पर जो आरक्षण दिया जा रहा है, उसमें एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण शामिल हैं। अब ईडब्लूएस का 10 प्रतिशत बढ़ जाने से अन्य श्रेणियों को भी उसी अनुपात में आरक्षण देना होगा, जिस वजह से 110 सीटों के आधार पर ही आरक्षण तय होगा, जो सीटें बढ़कर 125 हो जाएंगी।

आरक्षण को लागू करने के लिए यूनिवर्सिटी से पत्र लिखकर गाइडलाइन मांगी है। आरक्षण लागू करने के लिए सीटें और इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाना होगा।

- विनय आनंद बौड़ाई, प्रिंसिपल, एसजीआरआर पीजी कॉलेज

डायरेक्ट्रेट के आदेश से एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट को लेकर असमंजस है, यह स्थिति स्पष्ट नहीं है।

- डॉ। वीसी पांडे, प्रिंसिपल, डीबीएस पीजी कॉलेज

आरक्षण को इसी सत्र में हर हाल में लागू किया जाना है। डिग्री कॉलेज के सभी प्रिंसिपल्स को इसकी व्यवस्था अपने स्तर से पूरी करनी होगी।

- एससी पंत,निदेशक, उच्च शिक्षा

क्या हैं पेंच-

- जुलाई के अंत में हो रहा आदेश जारी, अधिकतर कॉलेजों में एडमिशन प्रक्रिया पूरी

- आरक्षण लागू करने के लिए सीटें और इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाना होगा।

- यूनिवर्सिटी से भी परमिशन लेनी होती है, जिस प्रक्रिया में एक हफ्ते से भी ज्यादा समय लगता है।

- ईडब्ल्यूएस का सर्टिफिकेट किस तरह से मान्य होगा, प्रक्रिया को लेकर नहीं है गाइडलाइन

स्टेट में हायर एजुकेशन की स्थिति-

स्टेट यूनिवर्सिटी- 9

डिग्री कॉलेज- 104

सहायता प्राप्त अशासकीय डिग्री कॉलेज- 15

Posted By: Inextlive