रिजर्व बैंक जल्द ही देश में प्‍लास्‍िटक करेंसी की शुरुआत करने की तैयारी में है। ऐसे में उम्‍मीद की जा रही है कि प्‍लास्‍िटक करेंसी के रूप में सबसे पहले दस रुपये का नोट आएगा। इसके लिए रिजर्व बैंक की ओर से परीक्षण प्रक्रिया अपनाई जा रही है। जो कि आगामी साल मे पूरी हो जाएगी। बैंक अधिकारियों की मानें तो प्‍लास्‍िटक करेंसी शुरू होने पर नकली नोटों के मामले कम हो जाएंगे।


पांच शहरों में फील्ड परीक्षणबैंक के कुछ बडे अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक अब भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही देश में प्लास्टिक करेंसी उतारने के लिए काफी तेजी से कोशिश कर रही है। हालांकि अभी इन प्लास्टिक करेंसी के में नोटो का परीक्षण किया जा रहा है। जिससे बैंक को पूरी उम्मीद है कि आगामी साल तक यह पूर्ण रूप से सफल जाएगा। वहीं सूत्रों की मानें तो सरकार सबसे पहले दस के नोट को ही उतारेगी। गौरतलब है कि 2014 में फील्ड परीक्षण के लिए कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला तथा भुवनेश्वर यानी कि पांच शहरों के नामों को सरकार ने संसद को सूचित किया था. सरकार ने कहा था कि इन पांच शहरों में फील्ड परीक्षण के रुप में 10 रुपये के लगभग एक अरब प्लास्टिक के नोट उतारे जाएंगे।कागज के अपेक्षा ज्यादा साफ
वहीं अब इस संबंध में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर आर गांधी का कहना है कि 'प्लास्टिक करेंसी को शुरुआत में एक मूल्य के नोट के साथ पेश किया जाना था कि लेकिन इसे शुरू करने में कुछ तकनीकी समस्याएं आ गई थीं. जिससे अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। साथ ही उनका कहना है कि यह प्लास्टिक करेंसी काफी सुरक्षित है। यह कागज के नोटों की अपेक्षा ज्यादा साफ होती है। सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया में शुरू हुई इस प्लास्टिक करेंसी की उम्र महज 5 साल होती है। कहा जा रहा है कि इसके शुरू होने के बाद देश में नकली नोटों के व्यवसाय पर भी शिकंजा कस जाएगा।

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Posted By: Shweta Mishra