-मंडी से निकलने के बाद हर चौराहे पर पुलिस करती है व्यापारियों से वसूली

-कहीं खुद पुलिसवाले करते हैं वसूली तो कहीं पुलिस का एजेंट

-आई नेक्स्ट ने स्टिंग ऑपरेशन कर किया खुलासा

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: सब्जी के दामों में लगी आग के जिम्मेदार केवल मुनाफाखोर ही नहीं, बल्कि पुलिस भी है। शहर का शायद ही ऐसा कोई चौराहा या पुलिस चौकी हो, जहां व्यापारियों से खुलेआम अवैध वसूली न की जाती हो। सब्जी ढोने वाली गाडि़यों को रोककर जबरन पैसे लिए जाते हैं और खामियाजा भुगतती है जनता। व्यापारी भी यह पैसा अपने घर से नहीं देते। सब्जी, फल और खाद्यान्नों के दाम में जोड़ देते हैं। इसी का नतीजा है थोक और खुदरा मार्केट के रेट में बड़ा अंतर।

मॉर्निग में होती है जमकर वसूली

मुंडेरा मंडी से रोजाना सुबह निकलने वाली सब्जी लदी गाडि़यों के ड्राइवर को अच्छी तरह पता होता है कि किस रूट पर कितना पैसा पुलिस वालों को देना है। फिर चाहे वह फाफामऊ, खुल्दाबाद या नैनी सब्जी मंडी जा रहे हों। किसी भी चौराहे या चौकी के सामने पहुंचने पर खुद पुलिस वाले उन्हें हाथ देकर रोकते हैं और बिना कोई पूछताछ किए बीस से तीस रुपए वसूल लेते हैं। पहली नजर में भले ही यह भ्रष्टाचार हो लेकिन व्यापारियों को इसकी आदत हो चुकी है। उन्हें मालूम है कि रूट में दिए जाने वाले पैसे की वसूली वह ऑलरेडी महंगाई के रूप में कर रहे हैं।

आई नेक्स्ट ने खुद किया प्लान

पुलिस की इस अवैध वसूली का पर्दाफाश करने के लिए आई नेक्स्ट ने बुधवार सुबह स्टिंग ऑपरेशन किया। रिपोर्टर ने मुंडेरा थोक सब्जी मंडी से अप्पे गाड़ी को किराए पर लिया और उसमें एक आढ़ती से बात करके प्याज से भरी क्भ् बोरियां लदवाई। हमने ड्राइवर को खुल्दाबाद सब्जी मंडी की ओर चलने का इशारा कर उसका पीछा किया। सुबह ठीक साढ़े सात बजे कर्बला तिराहे स्थित पुलिस चौकी पर ड्यूटी पर तैनात सिपाही ने गाड़ी को रोका और हाथ बढ़ा दिया। ड्राइवर ने बिना कुछ कहे उसके हाथ पर बीस रुपए रख दिए। यहां से आगे बढ़ने पर इसे खुल्दाबाद पुलिस चौकी के सामने रोक लिया गया। हमने वसूली की तस्वीरें अपने कैमरे में भी कैद कर ली।

हर गाड़ी से होती है वसूली

मुंडेरा मंडी से रोजाना सुबह सैकड़ों सब्जी से भरी गाडि़यां शहर की दूसरी मंडियों के लिए निकलती हैं। व्यापारी आढ़तियों से माल लेकर निकलते हैं। उन्हें मंडी में दूसरे टैक्स और माल लदाई के पैसे तो देने ही पड़ते हैं। बावजूद इसके हर रूट पर तैनात पुलिस को पैसे देना उनकी मजबूरी बन चुकी है। अगर वह नहीं देंगे तो पुलिसिया रौब से भी दो चार होना पड़ सकता है। नाम नहीं छापने की शर्त पर व्यापारियों ने बताया कि पानी की टंकी, झूंसी चुंगी, फाफामऊ चुंगी, कर्बला तिराहा, खुल्दाबाद पुलिस चौकी सहित हर रूट पर उन्हें सुविधा शुल्क देना पड़ता है।

तीन घंटे में हो जाती है हजारों की कमाई

अवैध वसूली की रकम भले ही दस से बीस रुपए हो लेकिन हर रूट से गुजरने वाली गाडि़यों की संख्या अधिक होने से चौकी पर तैनात सिपाही सुबह छह से नौ बजे के बीच हजारों रुपए की अवैध कमाई कर लेता है। इसके अलावा फाफामऊ, सोरांव, शिवगढ़, मऊआइमा, दारागंज, बक्शीबांध, कौडि़हार और मंसूराबाद जाने वाली गाडि़यों से लंबी कमाई हो जाती है। बाद में यही पैसा गाड़ी ड्राइवर सब्जी व्यापारियों से वसूलते हैं।

यहां तो वसूली एजेंट भी तैनात हैं

आई स्टिंग के दौरान हमने पाया कि कर्बला तिराहा पुलिस चौकी पर तैनात सिपाही ने गाडि़यों से वसूली के लिए अपने एजेंट भी तैनात कर रखे हैं। जिनका काम पैसे लेना और देने से आनाकानी करने वालों को सबक सिखाना है। पुलिस वाले इस काली कमाई का हिस्सा इन एजेंट को भी देते हैं। यहां तक कि शहर की दूसरी मंडियों में भी गाडि़यों से माल गिराने के नाम पर भी नजदीकी पुलिस चौकियों को सुविधा शुल्क देने का रिवाज है।

तो इस तरह से महंगी होती है सब्जी

एक तो पहले ही मुनाफाखोरी के चलते सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में अवैध वसूली महंगाई को बढ़ाने का काम कर रही है। मुंडेरा मंडी से सब्जी खरीदने वाले व्यापारियों को ढाई परसेंट मंडी टैक्स देना पड़ता है। इसके अलावा साढ़े तीन परसेंट का खर्च अन्य चीजों में होता है। इसके अलावा तीस रुपए प्रति क्विंटल की पल्लेदारी भी देनी होती है। इतना सब करने के बाद चौराहे-चौराहे वसूला जाने वाला पुलिसिया सुविधा शुल्क लागत को बढ़ाने का काम करता है। यही रीजन है कि थोक मंडी में बिकने वाला ख्0 रुपए का प्याज फुटकर मंडियों में तीस रुपए प्रति किलो के रेट पर खुलेआम बेचा जा रहा है।

Posted By: Inextlive