-केंद्रीय निर्वाचन आयोग कर चुका स्पष्ट, अब चुनाव बाद होंगे कार्य

DEHRADUN: राज्य में कई महकमों को चुनाव काउंटिंग से पहले भर्ती व अन्य नए कामों की स्वीकृति नहीं मिल पाएगी। केंद्रीय निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश में मतगणना तक आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के स्पष्ट निर्देशों के बाद यह तय हो गया है कि फिलहाल नए काम अभी नहीं हो पाएंगे। यही कारण भी है कि राज्य निर्वाचन कार्यालय की ओर से इन कार्यो के लिए मांगी गई अनुमति पर कोई जवाब नहीं मिला है।

स्वत: ही लगा ब्रेक

प्रदेश में मतदान होने के बाद निर्वाचन आयोग ने कुछ विभागों में पहले से चल रहे कार्यो को मंजूरी प्रदान की थी। इनमें शिक्षकों का तबादला और परिवहन निगम में चालकों की भर्ती शामिल रही। इस बीच प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने आ गए। मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से सचिवालय जाकर फाइलों के निस्तारण को भाजपा ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए इस पर आयोग में शिकायत दर्ज कराई। पहले आयोग ने इसे नियम सम्मत बताया लेकिन बाद में मामले के तूल पकड़ने पर राज्य निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग से इस मामले में जानकारी मांगी। इस पर आयोग ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में अभी भी आदर्श आचार संहिता लागू है और जो स्थिति चार जनवरी को थी प्रदेश में अभी भी वही स्थिति रहेगी। इससे यह स्पष्ट हो गया था कि मुख्यमंत्री अधिकारियों की कोई बैठक नहीं ले सकते। इसके साथ ही विभिन्न विभागों की ओर से भर्ती के लिए मांगी गई अनुमति पर भी स्वत: ही ब्रेक लग गया।

अटके कई काम

आचार संहिता के दौरान पहले से चल रहे कार्यो पर रोक नहीं है लेकिन कुछ ऐसे कार्य जो जनता को प्रभावित कर सकते हैं उन पर रोक लगाई गई है। चूंकि भर्ती प्रक्रिया में रोजगार सृजन होना है, ऐसे में इसके अधीनस्थ सेवा चयन आयोग समेत अन्य विभागों ने निर्वाचन आयोग से इसकी अनुमति मांगी थी। इसके अलावा कई कार्यो के टेंडर भी फिलहाल चुनाव परिणाम तक अटक गए हैं। अब यह सभी कार्य नई सरकार के गठन के बाद ही होंगे।

Posted By: Inextlive