Allahabad: स्कूल में बकायदा फीस सबमिट किया बोर्ड का एग्जाम भी दिया लेकिन जब रिजल्ट डिक्लेयर हुआ तो उसमें हजारों स्टूडेंट्स का नाम गायब. आखिरी में जब ऐसे स्टूडेंट्स इस मामले को पता करने के लिए बोर्ड ऑफिस पहुंचे तो वहां भी इसकी कई वजहों को गिना दिया गया. ऐसे में अब वह वही स्टूडेंट्स इधर से उधर भटक रहे हैं. मामला परीक्षा समिति और बोर्ड के ऑफिसर्स के पास है इसके बावजूद अभी तक इस पर कोई डिसीजन नहीं लिया जा सका है. आखिर गलती किसकी है जिन स्कूलों ने फर्जी तरीके से बोर्ड फार्म भरावाया या जिसने बोर्ड एग्जाम में अपीयर होने की परमिशन दी या फिर उन स्टूडेंट्स की जो आज भी अपना रिजल्ट जानने के लिए भटक रहे हैं?

 

नया सेशन स्टार्ट भी हो चुका
यूपी बोर्ड का नया सेशन स्टार्ट हो चुका है। नाइंथ और ट्वेल्थ के रजिस्ट्रेशन फॉर्म सबमिट करने के लिए अब एक महीने का समय बाकी है। वहीं यूपी बोर्ड के चार रीजन इलाहाबाद, वाराणसी, मेरठ और बनारस हैं। पूरे स्टेट में इन रीजन के करीब पांच हजार से ज्यादा ऐसे कैंडिडेट्स हैं जिनका हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट डिक्लेयर नहीं किया जा सका है। जबकि हाईस्कूल का रिजल्ट 8 जून और इंटरमीडिएट 5 जून को डिक्लेयर किया गया था। ऐसे में एक महीने से ज्यादा वक्त बोर्ड के रिजल्ट आए हो गया लेकिन ये स्टूडेंट्स आज भी बोर्ड ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं।

 क्या है मामला?
बोर्ड ऑफिसर्स के अनुसार जिन स्टूडेंट्स का रिजल्ट पेंडिंग में है उनमें डाक्यूमेंट, रजिस्ट्रेशन न सबमिट होने की प्रॉब्लम है। कई ऐसे स्टूडेंट्स हैं जो बोर्ड एग्जाम में तो अपीयर हो गए हैं लेकिन अभी तक उनके स्कूल ने बोर्ड फीस तक नहीं सबमिट की है। बोर्ड ऑफिसर्स ने बताया कि इसमें वह स्टूडेंट्स भी शामिल हैं जो फर्जी तरीके से बोर्ड फार्म भरे थे लेकिन कोर्ट ने उनके करियर को देखते हुए बोर्ड एग्जाम में शामिल होने का आदेश दिया। वहीं रीजनल ऑफिसर्स की मानें तो ऐसे स्टूडेंट्स की एक रिपोर्ट तैयार करके परीक्षा समिति को सौंप दी गई है आखिरी फैसला सचिव को ही देना है।

पहले नहीं जाना
जिन स्टूडेंट्स का रिजल्ट रोका गया है उसमें कई ऐसे कैंडिडेट्स हैं जिनका न ही फॉर्म सबमिट है न ही बोर्ड के पास उनकी कोई रिपोर्ट। इसके बावजूद वह एग्जाम में शामिल हुए। हालांकि सवाल ये है कि ऐसे स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल कैसे हुए? ये ही नहीं अगर रजिस्ट्रेशन फॉर्म सबमिट नहीं थे तो ऐसे स्टूडेंट्स का सत्यापन एग्जाम के पहले ही क्यों नहीं किया? ताकि इन स्टूडेंट्स को डाक्यूमेंट्स सबमिट करने का मौका मिल जाता ताकि इन दिनों बोर्ड ऑफिस के चक्कर न काटने पड़ते। सचिव की मानें तो फर्जी स्टूडेंट्स शामिल होने के मामले की अभी जानकारी नहीं है। रीजनल ऑफिसर्स से मामले की जानकारी लेकर जांच की जाएगी।

 

स्टूडेंट्स के डॉक्यूमेंट नहीं सबमिट थे इसलिए रिजल्ट रोका गया। जिनके रजिस्ट्रेशन फॉर्म नहीं है और बोर्ड फार्म भरा है उन्हे प्रावइेट स्टूडेंट्स कैटेगरी में रखा जाएगा। जिनका रिजल्ट डिक्लेयर नहीं किया गया है उसकी जानकारी लेकर जल्द से जल्द डिक्लेयर किया जाएगा।

-उपेंद्र कुमार, सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद

 

Posted By: Inextlive