RANCHI: कोरोना वायरस के कारण हर किसी को मेडिकल सुविधा मिले, इसके लिए अब सरकार सरकारी और प्राइवेट संस्थानों से रिटायर्ड और अभी प्राइवेट में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की भी सेवा लेगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने रांची सहित सभी जिलों के डीसी को पत्र लिखकर यह निर्देश दिया है कि उनके जिले में कितने रिटायर्ड और कितने प्राइवेट डॉक्टर्स प्रैक्टिस करते हैं, उनका डाटा तैयार किया जाए। अगर कोरोना मरीजों की संख्या झारखंड में बढ़ती है तो ऐसे डॉक्टरों का सहयोग भी लिया जाएगा, इसके लिए पहले से ही तैयारी करके रखने की जरूरत है।

1350 डॉक्टरों के सहारे स्टेट

अभी झारखंड के सभी बड़े मेडिकल कॉलेज, सदर अस्पताल और पीएचसी मिलाकर कुल 1350 सरकारी डॉक्टर्स काम कर रहे हैं। इन डॉक्टर्स के सहयोग से ही अभी इलाज चल रहा है, लेकिन सरकार यह तैयारी कर रही है कि डॉक्टरों की संख्या और अधिक बढ़ाई जाए। अगर राज्य में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ती है तो ऐसे में और अधिक डॉक्टर्स की जरूरत होगी। ऐसे में जो रिटायर डॉक्टर हैं या जो प्राइवेट प्रैक्टिस या अपना नर्सिग होम, क्लीनिक चलाते हैं उन लोगों की भी सहायता ली जाएगी, ताकि इलाज में कोई कमी ना रहे।

7600 डॉक्टरों की है जरूरत

आईएमए के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में डॉक्टर्स की भारी कमी है। राज्य में डॉक्टरों का स्वीकृत पद 7600 है यानी इतने डॉक्टरों की जरूरत राज्य में है। लेकिन अभी सरकारी सेवा में मात्र 1350 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। झारखंड स्टेट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डाटा के अनुसार, करीब 4600 डाक्टर्स पूरे राज्य में रजिस्टर्ड हैं। अब अगर यह रजिस्टर्ड डॉक्टर्स भी सही तरीके से अपनी सेवा पूरे राज्य में दे देते हैं तो डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी।

Posted By: Inextlive