- पेट्रोल पंप मालिक समीर मर्डर कांड

- टैबलेट नहीं खुल सका, रिपोर्ट का इंतजार

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : बेलीपार एरिया में हुए समीर मर्डर को सुलझाने में वक्त लगेगा। समीर के टैबलेट का लॉक नहीं खुल सका है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने में भी कम से कम छह माह का वक्त लगेगा। हाई प्रोफाइल मामले में पुलिस के पास कोई जवाब नहीं बचा है। धीरे- धीरे समीर मर्डर केस की फाइल पर धूल जमने लगी है। एसपी ग्रामीण का कहना है कि बिना रिपोर्ट के विवेचना बंद नहीं होगी। टैब का लॉक न खुलने से विवेचना पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

कनपटी में लगी थी गोली

कैंपियरगंज एरिया के पांडेयपुरा निवासी समीर पांडेय, फैमिली के साथ खुर्रमपुर मोहल्ले में रहते थे। 28 जनवरी की रात संदिग्ध हाल में गोली लगने से उनकी मौत हो गई। दूसरे दिन सुबह फोरलेन पर चनऊ गांव के पास कार में उनकी डेड बॉडी पड़ी मिली। ट्रांसपोर्ट नगर में टायर की एजेंसी चलाने वाले समीर दाउदपुर स्थित पेट्रोल पंप पर बिक्री का हिसाब करने गए थे। 15 मिनट में आने की बात कहकर वह अचानक चले गए। उनके न लौटने पर कर्मचारियों ने फैमिली मेंबर्स को सूचना दी। कैंट पुलिस के साथ रात तीन बजे फैमिली मेंबर्स उनकी तलाश में जुटे रहे।

सुसाइड मान रही पुलिस, हत्या का मुकदमा

सिटी की जानमानी फैमिली के बेटे समीर की संदिग्ध हाल में मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई। पुलिस ने बताया कि समीर की कनपटी में दाहिनी तरफ गोली लगी थी। दाहिने हाथ में पिस्टल रखी मिली। पुलिस ने घटना को सुसाइड बताया। मामला आगे बढ़ता देखकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मर्डर का केस दर्ज करके पुलिस जांच में जुट गई। समीर का अंतिम संस्कार अयोध्या में कराया गया। इसके बाद पुलिस ने फैमिली मेंबर्स ने पूछताछ की। जांच के दौरान यह सामने आया कि एक लग्जरी गाड़ी खरीदने को लेकर समीर परेशान थे। पेट्रोल पंप से निकलने के पहले मोबाइल पर किसी से हॉट टाक हुई थी। फैमिली मेंबर्स ने सुसाइड की कोई वजह होने से इंकार किया। लोगों ने मर्डर की आशंका जताई।

रिपोर्ट आने में लगेगा वक्त

मामले की जांच में लगी पुलिस फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। पिस्टल पर समीर की अंगुलियों के निशान की जांच के लिए हैंडवॉश की रिपोर्ट मांगी गई है। लखनऊ स्थित लैब में प्रदेश भर के मामले पेडिंग पड़े हैं। गोरखपुर से करीब एक दर्जन से अधिक नमूने करीब आठ माह से पेडिंग पड़े हैं। ऐसे में इस घटना से संबंधित रिपोर्ट आने में विलंब होगा। हैंडवॉश की रिपोर्ट के लिए कम से कम छह माह का इंतजार करना होगा। दूसरी बड़ी बात यह है कि समीर की कब, किससे कितनी बार बात हुई, गोली चलने के पहले अंतिम कॉल किसको की गई, इसका खुलासा भी नहीं हो सका है। इस मामले में यह सवाल उठने लगा है कि कहीं किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में मामला तो नहीं दबाया जा रहा। पुलिस अफसर जांच के बाद कोई जवाब देने की बात कर रहे हैं। समीर के टैब का लॉक पुलिस नहीं खुलवा सकी है। चेहरे को स्कैन करने के बाद ही टैब का लॉक खुलेगा।

फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट जरूरी है। टैबलेट का लॉक खुलने या न खुलने से कोई असर नहीं पड़ेगा। इस मामले में बिना किसी नतीजे पर पहुंचे जांच बंद नहीं होगी।

ब्रजेश सिंह, एसपी ग्रामीण

Posted By: Inextlive