-एनएचएम यूपी हीमोफीलिया मरीजों को उपलब्ध कराएगा प्रोफाइलेक्सिस

-रेयर डिजीज अपडेट 2018 का आयोजन

-करीब 5000 प्रकार की दुर्लभ बीमारियां

-यूपी में 2300 से अधिक हीमोफीलिया के रजिस्टर्ड मरीज

LUCKNOW: रेयर डिजीज (दुर्लभ बीमारियां) हीमोफीलिया के मरीजों को सरकार नि:शुल्क प्रोफाइलैक्सिस देगी। इसे देने से मरीजों में चोट लगने पर लगातार ब्लीडिंग होने का खतरा कम हो जाता है। केजीएमयू के डॉक्टर्स के प्रस्ताव पर एनएचएम यूपी में मरीजों को ये सुविधा देगा। शनिवार को आयोजित 'रेयर डिजीज अपडेट 2018' में एनएचएम यूपी के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ। बीएस अरोड़ा ने यह जानकारी दी। इससे मरीजों को बहुत राहत मिलेगी।

हो जाती है प्रोटीन की कमी

रेयर डिजीज अपडेट में 17 मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर्स को रेयर डिजीजेज की पहचान और उनके इलाज के बारे में ट्रेनिंग दी गई। संजय गांधी पीजीआई की डॉ। शुभा फड़के ने बताया कि हीमोफीलिया आनुवांशिक बीमारी है, जिसमें खून का थक्का जमने वाले प्रोटीन की कमी हो जाती है। चोट लगने पर ब्लीडिंग लगातार होती है जिसे रोकने के लिए फैक्टर आठ और 9 दिए जाते हैं, लेकिन यदि प्रोफाइलैक्सिस पहले दे दिया जाए तो ज्वाइंट्स में चोट लगने पर ये समस्या नहीं होगी। इसमें मरीज को बिना ब्लीडिंग के ही लगातार क्लाटिंग फैक्टर दिया जाता है। एक अनुमान के मुताबिक देश में लगभग एक लाख से अधिक हीमाफीलिया से ग्रसित रोगी हैं जबकि यूपी में अब तक पहचाने कर रजिस्टर्ड मरीजों की संख्या 2300 है। वास्तविक संख्या इससे चार गुना अधिक होगी। इनमें से करीब 400 से अधिक पीजीआई में हैं।

ये हैं रेयर डिजीजेज

एम्स नई दिल्ली की जेनेटिक्स डिवीजन की डॉ। मधुलिका काबड़ा ने बताया कि ज्यादातर रेयर डिजीज आनुवांशिक होती हैं। ये जन्मजात विकृतियां भी हो सकती हैं। जो कि संख्या में बहुत ही क म होती हैं। हीमोफीलिया, थैलीसीमिया, लायसोसोमल स्टोरेज डिसआर्‌र्ड्स, आर्फेन्स डिजीज सहित अन्य बीमारियां इसमें आती हैं। यह बच्चे के जन्म के बाद सामने आती हैं।

गर्भ धारण से पहले कराएं जांच

एनएचएम यूपी के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर डॉ। बीएस अरोड़ा ने बताया कि बचाव के लिए गर्भ धारण से पहले जांच कराएं। छोटी सी ब्लड जांच के द्वारा बच्चों में इन बीमारियों के होने से बचाव किया जा सकता है। ये बीमारियां जेनेटिक होती हैं। परिवार में किसी को हो तो भाई बहनों, बच्चों को हो सकता है। इन परिवारों के लिए जरूरी है कि गर्भधारण करने से पहले ही डॉक्टर से जांच कराएं। समय रहते पहचान, मैनेजमेंट, काउंसलिंग से हम इन्हें होने से रोक सकते हैं।

मिलेगा फ्री इलाज

लायासोसोमल स्टोरेज डिसआर्‌र्ड्स सोसाइटी के मंजीत सिंह ने बताया कि दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए केंद्र सरकार पॉलिसी ला रही है, जिसमें मरीज दवाओं के लिए आर्थिक सहायता भी पा सकते हैं। इसके लिए प्रदेश में एक टेक्निकल कमेटी बनेगी जो तय करेगी किस मरीज को दवा नि:शुल्क देनी है।

तो दिखाएं डॉक्टर को

मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की डॉ। सीमा कपूर ने बताया कि सिर में गांठ होने, सिर बड़ा होने, चोट लगने, दांत टूटने पर अत्यधिक ब्लीडिंग, शारीरिक विकास धीरे होना, चलने में दिक्कत, झटके आना, भूलने की और कम सुनाई पड़ना, अंधापना जैसे लक्षण हो तो ये दुर्लभ बीमारियां हैं।

Posted By: Inextlive