जब अंतिम मैच में नहीं चला जादू..
माइकल क्लॉर्क की कप्तानी में पूरी टीम भी पॉन्टिंग को जीत के साथ विदा करना चाहती थी. लेकिन दक्षिण अफ़्रीकी टीम ने पॉन्टिंग की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. पॉन्टिंग ख़ुद भी अपने करियर के अंतिम टेस्ट में कुछ ख़ास नहीं कर सके. पर्थ टेस्ट की दोनों पारियों में वे दहाई अंक में नहीं पहुंच पाए. पहली पारी में पॉन्टिंग ने 4 और दूसरी पारी में महज 8 रन बनाए. पॉन्टिंग ने कुल 168 टेस्ट मैचों में 51.57 की औसत से 13378 रन बनाए. लेकिन विदाई वाले टेस्ट में वे कुछ ख़ास नहीं कर पाए. पॉन्टिंग अकेले नहीं हैं, क्रिकेट की दुनिया में पॉन्टिंग के अलावा कई जीनियस खिलाड़ी रहे हैं जिनके लिए टेस्ट से विदाई यादगार नहीं रही.
टेस्ट क्रिकेट में सबसे पहले 10 हज़ार रन बनाने वाले सुनील गावस्कर को भी टेस्ट मैचों में हार के साथ विदा होना पड़ा था. भारत और पाकिस्तान के बीच 13 से 17 मार्च, 1987 के बीच चिन्नास्वामी स्टेडियम, बेंगलौर में खेला गया मैच लिटिल मास्टर का आखिरी मैच था. भारत ये मैच 16 रन से हार गया था. सुनील गावस्कर ने पहली पारी में 21 रन बनाए थे और दूसरी पारी में उन्होंने बेहतरीन 96 रनों की पारी खेली. अपनी आखिरी टेस्ट पारी में शतक नहीं बना पाने का जितना अफ़सोस उन्हें रहा होगा उससे ज़्यादा अफसोस उन्हें टीम को जीत नहीं दिला पाने का रहा होगा. सुनील गावस्कर ने 125 टेस्ट मैचों में 51.12 की औसत से 10,125 रन बनाए. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 34 शतक हैं.
राहुल द्रविड़ ने जब अपना आखिरी टेस्ट खेला था, तब उन्हें अंदाजा नहीं था कि ये उनका आखिरी टेस्ट होगा. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 24 से 28 जनवरी, 2012 के बीच एडिलेड में खेला गया मैच भारत 248 रनों से हार गया था. राहुल द्रविड़ इस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में नाकाम रहे. पहली पारी में उन्होंने महज एक रन जबकि दूसरी पारी में उन्होंने महज 25 रन बनाए. इस पूरी सीरीज़ की नाकामी के बाद उन पर संन्यास लेने का दबाव बढ़ गया और भारत लौटते ही उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी. राहुल द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 52 से ज्यादा की औसत से 13,228 रन बनाए. द्रविड़ ने टेस्ट मैचों में 36 शतक लगाए हैं.
अपने समय के विस्फोटक बल्लेबाज़ रहे विवयन रिचर्ड्स ने वेस्टइंडीज़ को भले कई टेस्ट मैचों में जीत दिलाई हो लेकिन उनके अंतिम टेस्ट मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा था. रिचर्ड्स ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 8 से 12 अगस्त, 1991 तक ओवल, लंदन में खेला. इस मुक़ाबले में इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज़ को 5 विकेट से हराया. विव रिचर्ड्स अपने अंतिम टेस्ट पहली पारी में महज 2 रन बना पाए थे. जबकि दूसरी पारी में उन्होंने 60 रन जरूर बनाए थे, लेकिन अपनी टीम को हार से नहीं बचा पाए. विवियन रिचर्ड्स ने अपने करियर में 121 टेस्ट मैचों में 50.23 की औसत से 8540 रन बनाए. उनके नाम 10 टेस्ट शतक हैं.