- राज्य सम्मेलन में स्टेट गवर्नमेंट के खिलाफ टीचर्स ने जताया आक्रोश

- कहा, नियोजित टीचर्स के साथ गवर्नमेंट कर रही भेद-भाव

PATNA : नियोजित टीचर्स के लिए सरकार की ओर से प्रस्तावित वेतनमान के मुद्दे पर संडे को नृत्य कला मंदिर में राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में चीफ गेस्ट के रूप में प्रो विनय कंठ ने कहा कि सरकार की दोषपूर्ण एजुकेशन पॉलिसी के कारण स्टेट में एजुकेशन बदहाल हो चुका है। गवर्नमेंट राइट टू एजुकेशन को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। वहीं प्रो डेजी नारायण ने एजुकेशन सेक्टर में कमियों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन में टीचर्स की कमी को सोसाइटी के लिए खतरनाक बताया। आज के समय सरकार की ये पॉलिसी गवर्नमेंट एजुकेशन को चौंपट कर प्राइवेट को बढ़ावा देने वाला बताया।

टीचर्स के साथ हो रहा भेदभाव

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डे पाठक ने कहा कि टीईटी-एसटीईटी एक ओर स्टेट गवर्नमेंट सरकारी स्कूलों में नियोजन कर स्कूली एजुकेशन को सुधार करना चाहती है। वहीं दूसरी ओर नियोजित टीचर्स के साथ सरकार लगातार भेद-भाव करती है। टीईटी-एसटीईटी का पूर्ण वेतनमान संवैधानिक अधिकार है। सरकार टीचर्स को पूर्ण वेतनमान देने के नाम पर बार-बार टाल-मटोल कर, आंदोलन को मजबूर कर रही है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए खेत मजदूर संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र झा ने कहा कि सरकारी स्कूलों को नष्ट करने के लिए सरकार साजिश रच रही है।

Posted By: Inextlive