शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं द्वारा पूजन को लेकर नवरात्र के पहले ही दिन फैसला आया जो महिलाओं के हक में हुआ। मंदिर ट्रस्ट ने 400 साल से चली आ रही परंपरा गुड़ी पड़वा के मौके पर खत्म कर दी। एलान हुआ कि अब महिलाएं भी चबूतरे पर चढ़कर शनि भगवान की पूजा कर सकेंगी और उन्हें तेल चढ़ा सकेंगी।


शनि शिंगणापुर में टूटी 400 साल पुरानी परंपरामहाराष्ट्र के अहमदनगर स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर में 400 साल पुरानी परंपरा टूट गई। यहां महिलाओं को भी पूजन करने की इजाजत आज ट्रस्ट ने दे दी। महिलाओं को इस पूजन का अधिकार दिए जाने की लड़ाई लड़ रहीं तृप्ति देसाई आज इस सफलता से बहुत खुश हैं। गौरतलब हो कि महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में आज सुबह उस समय स्थित नियंत्रण से बाहर हो गई जब बड़ी संख्या में पुरुषों ने बैरिकेडिंग तोड़ते हुए शिवलिंग के पास पहुंच गए जहां पूजा की जाती है। पुरुषों के इस कदम के बाद मंदिर के ट्रस्ट ने घोषणा कर दी कि हम महिलाओं को भी पूजन करने से नहीं रोकेंगे। ट्रस्ट ने दी महिलाओं को पूजा करने की इजाजत
ट्रस्ट ने खुद तृप्ति देसाई को मंदिर में पूजा करने के लिए आमंत्रित किया। इस तरह सुप्रसिद्ध शनि शिंगणापुर मंदिर के 400 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब महिलाओं को पूजा करने की इजाजत मिली है। गौरतलब है कि इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी इस मामले पर फैसला सुनाया था कि पूजा करने से महिलाओं को नहीं रोका जा सकता। इस आदेश के बाद भी मंदिर ट्रस्ट महिलाओं को पूजा करने के अधिकार के खिलाफ अड़ा हुआ था।

Posted By: Prabha Punj Mishra