अमर का निशाना कभी खाली नहीं जाता था अमर के पिता और चाचा भी थे विकास के पुराने और विश्वासपात्र शूटर्स विकास के साथ साए की तरह चलता था हमले वाली रात अमर ने ही पुलिस पर बरसाई थीं सबसे ज्यादा गोलियां।

KANPUR: मोस्ट वॉटेंड विकास दुबे ने हथियारबंद बदमाशों की पूरी फौज तैयार कर रखी थी। जो उसके ये गुर्गे विकास के इशारे पर कुछ भी करने को तैयार रहते थे। लेकिन, अमर पर विकास आंख बंद कर भरोसा करता था। क्योंकि अमर के पिता और चाचा भी उसके पुराने विश्वासपात्र साथी और शूटर्स में थे। लेकिन, विकास को अमर की जो सबसे खास चीज पंसद थी, वो था उसका निशाना। इसी वजह से वह विकास के साथ साए की तरह चलता था। विकास के इशारा मिलते ही अमर को ट्रिगर दबाने में देर नहीं लगती थी। बताते हैं कि अमर का निशाना अचूक था। उसका निशाना कभी खाली नहीं जाता था। अंधेरे में निशाना लगाने में अमर माहिर था। पुलिस पर हमले वाली रात भी सबसे ज्यादा तांडव अमर नहीं मचाया था। पुलिस पर अंधाधुंध गोलियां दागी थीं। लेकिन, बुधवार सुबह एसटीएफ ने मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया।

रिश्तेदार के घर छिपा था

विकास के साथी और शूटर अमर पर 25 हजार रुपए का ईनाम घोषित था। बताया जा रहा है कि ये मध्यप्रदेश भागने की फिराक में था। पुलिस के मुताबिक अमर दुबे मंगलवार रात मौदहा इलाके के अरतरा गांव में अपने रिश्तेदार नरोत्तम दीक्षित के घर पहुंचा था। रिश्तेदार उससे घर लौटने को कहते रहे, लेकिन वह रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक वहीं जमा रहा। जबकि पुलिस को मुखबिरों से इसके छिपे होने की सूचना पहले ही मिल चुकी थी। पुलिस और एसटीएफ ने रात में ही पूरा जाल बिछा लिया था। सुबह इसके निकलते ही गांव के बाहर एसटीएफ ने रोका तो फायरिंग के बीच इसे ढेर कर दिया गया। इस दौरान इंस्पेक्टर मौदहा मनोज शुक्ला और एसटीएफ का एक सिपाही भी घायल हो गया।

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कई बार अरेस्ट हुआ

अमर के ऊपर चौबेपुर थाने में 5 और कानपुर देहात के कई थानों में दर्जनों केस दर्ज हैं। इनमें 8 मामले हत्या, हत्या की कोशिश, लूट, रंगदारी, डकैती और धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं के भी हैं। पुलिस ने उसे कई बार अरेस्ट किया, लेकिन विकास के रसूख के चलते छूट जाता था। ग्रामीणों के मुताबिक विकास ने शराब के ठेकों से वसूली जैसे काम अमर को ही सौंप रखे थे।

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लखनऊ में भी मकान

अमर मूल रूप से शिवली थाना इलाके का था, लेकिन पिछले कुछ सालों से बिकरू गांव में रह रहा था। औरैया में दिबियापुर हाईवे पर रविवार को लावारिस कार मिली थी। कार में अमर के डॉक्यूमेंट मिले, जिनसे पता चला कि लखनऊ में भी उसका घर है।

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पत्नी भी हिरासत में

हमीरपुर मौदहा में एसटीएफ की मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की पत्‍‌नी शशि और पिता संजू को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अमर की मां शांति देवी को विकास के घर की नौकरानी के साथ पुलिस 2 दिन पहले ही जेल भेज चुकी है। जबकि अमर के चाचा अुतल दुबे को पुलिस ने वारदात के अगले दिन ही मुठभेड़ में मार गिराया था।

Posted By: Inextlive