RANCHI: रिम्स राज्य का पहला मेडिकल यूनिवर्सिटी बनेगा, जहां राज्य भर के मेडिकल कॉलेज और नर्सिग कॉलेज में पढ़ाई से लेकर एग्जाम तक कंडक्ट कराए जाएंगे। स्टूडेंट्स का एक एजुकेशनल कैलेंडर होगा। वहीं एग्जाम और रिजल्ट के लिए दूसरी यूनिवर्सिटी पर भी निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा स्टूडेंट्स को भी किसी तरह की परेशानी होने पर जगह-जगह दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। ये बातें रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक के बाद हेल्थ मिनिस्टर रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहीं। मौके पर हेल्थ सेक्रेटरी डॉ। नीतिन मदन कुलकर्णी, कांके विधायक डॉ। जीतूचरण राम, रिम्स डायरेक्टर डॉ डीके सिंह, रिनपास के डायरेक्टर डॉ। सुभाष सोरेन, सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर, डीन डॉ। मंजू गाड़ी, सुपरिटेंडेंट डॉ। विवेक कश्यप समेत अन्य मेंबर्स मौजूद थे।

100 बेड का मैटरनिटी व चाइल्ड वार्ड

हॉस्पिटल में काफी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में सेपरेट मैटरनिटी और चाइल्ड वार्ड बनाने को लेकर सहमति बनी है। इसके तहत 100 बेड का मैटरनिटी व चाइल्ड वार्ड बनेगा, जिसमें महिलाओं और बच्चों के लिए हाइटेक फैसिलिटी होगी। इनके लिए वो सारी सुविधाएं मौजूद रहेंगी जो एक प्राइवेट हॉस्पिटल में होती हैं। इसके अलावा हॉस्पिटल से अलग मरीजों के लिए नया ओपीडी कांप्लेक्स भी बनाया जाएगा। इसमें डॉक्टर से दिखाने के लिए आने वाले मरीजों का इलाज होगा।

कैंपस में डॉक्टर्स को 120 फ्लैट

डॉक्टर्स के लिए अब कैंपस में ही फ्लैट का निर्माण कराया जाएगा। इसमें प्रोफेसर, डॉक्टर व सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर्स के लिए 40-40 फ्लैट बनाए जाएंगे। इससे सभी डॉक्टर्स कैंपस में ही रहेंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल वे हॉस्पिटल में मरीजों को सेवा दे सकेंगे। वहीं, डॉक्टरों के पुराने क्वार्टर भी काफी जर्जर हो चुके हैं, जिसकी रिपेयरिंग में काफी पैसे खर्च हो जाएंगे। यह देखते हुए नए रेसिडेंशियल कांप्लेक्स बनाने का निर्णय लिया गया है।

Posted By: Inextlive