RANCHI: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में अव्यवस्था कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ प्रबंधन दावा कर रहा है कि हॉस्पिटल की व्यवस्था पटरी पर लौट रही है। वहीं दूसरी ओर स्टाफ्स उनके दावों की पोल खोल रहे हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति कुछ दिनों से बनी हुई है। एकबार फिर रिम्स राजधानी की हवा में जहर घोल रहा है। जहां खुले में बायो वेस्ट को जलाया जा रहा है। इतना ही नहीं, सुपरस्पेशियलिटी कैंपस में जहां-तहां बायो वेस्ट फेंककर इंफेक्शन फैलाने में भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। इतना तो साफ है कि सफाई कर्मियों को कार्रवाई का कोई डर नहीं है।

रास्ते में ही फेंक देते है कचरा

हॉस्पिटल में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम एजेंसी को दिया गया है। जिसके तहत एजेंसी के स्टाफ्स को हॉस्पिटल का कचरा कलेक्ट कर उसे इंसीनरेटर तक ले जाना है। लेकिन ये लोग अपना काम हल्का करने के लिए वेस्ट को रास्ते में जला देते है। वहीं जहां-तहां कचरा डालकर भी अपना काम पूरा कर लेते है। इसके बाद वेस्ट से हवा तो जहरीली हो रही है। वहीं इसकी चपेट में आने वाले भी इंफेक्शन के शिकार हो रहे है।

बायो वेस्ट मैनेजमेंट रुल भी फेल

बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रुल्स 2016 और बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट अमेंडमेंट रुल्स 2018 के अनुसार बायो मेडिकल वेस्ट को उनके कैटेगरी के हिसाब से चार भागों में बांटकर उसका डिस्पोजल किया जाना है। इसके लिए चार तरह के डस्टबिन का प्रयोग करना हैं। जिसमें रेड, येलो, वाइट और ब्लू डस्टबिन का यूज किया जाना है। अगर बायो वेस्ट को अलग नहीं किया जाता है तो दूसरे वेस्ट से मिलकर ज्यादा इंफेक्शन फैला सकता है।

क्या होता है बायो मेडिकल वेस्ट

बायोमेडिकल वेस्ट में ह्यूमन ब्लड, कटे अंग, दवाइयां, मानव टिश्यू, मलमूत्र, कफ, डिस्पोजल सूई, खराब इंजेक्शन, ग्लब्स, स्लाइन की बोतलें शामिल होती हैं। इन सबमें हानिकारक रसायन भी शामिल होते हैं। कचरा बीनने वाले इनमें से अपनी काम की चीजें चुनकर ले जाते हैं। वहीं कबाड़ी वाले के पास इसे बेच डालते हैं, जिससे उनकी कमाई तो हो जाती है। लेकिन उन्हें इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है।

अलग-अलग वेस्ट डालने का नियम

बायोमेडिकल वेस्ट को अलग-अलग कलेक्ट करने के लिए डस्टबिन दिया गया है। रेड बैग में सिर्फ सूखा कचरा रुई, गंदी पट्टी, प्लास्टर जैसे वेस्ट डाले जाते है। वहीं येलो बैग में गीला कचरा, बायोप्सी, मानव अंगों को डालने का नियम है। जबकि ब्लैक डस्टबिन में सूई, ब्लेड, कांच की बोतलें, इंजेक्शन को डाला जाना है।

Posted By: Inextlive