RANCHI: राज्य का सबसे बड़ा हॉस्पिटल इन दिनों विवाद का अड्डा बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हो रहा है। लेकिन डायरेक्टर डॉ डीके सिंह के आने के बाद से लगातार अलग-अलग विभागों के डॉक्टर्स से उनका टकराव हो रहा है। इस चक्कर में हॉस्पिटल की व्यवस्था को पटरी पर लौटने में लंबा समय लग जा रहा है। लेकिन जाने-अनजाने इसका खामियाजा रिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बताते चलें कि डायरेक्टर के आने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि वे हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारेंगे।

मनमानी का डॉक्टरों पर आरोप

हॉस्पिटल की अव्यवस्था को लेकर डायरेक्टर ने काफी हद तक रिम्स के डॉक्टरों को ही जिम्मेवार ठहराया है, जिसमें उन्होंने पहले भी कहा है कि डॉक्टर अपनी मनमानी करते हैं और उसी कंपनी की मशीन मंगाने की सिफारिश करते हैं, जिसमें उनका हित होता है।

मेडिसीन में मशीन खरीदारी विवाद

डायरेक्टर का मेडिसीन डिपार्टमेंट में मशीन खरीदारी को लेकर वार्ड के एचओडी से विवाद हो गया। इसमें उन्होंने मामला उठाते हुए कहा कि डिपार्टमेंट के एचओडी ने वैसी मशीन मंगवा ली, जिसकी जरूरत ही नहीं थी। अब कह रहे हैं कि उन्हें मशीन की जरूरत नहीं है। इस वजह से मेडिसीन एचओडी और डायरेक्टर के बीच खूब कहा-सुनी भी हुई। आज मशीनें नए ट्रामा सेंटर में इंस्टाल की जा रही हैं।

सीटी स्कैन का गरमाया मामला

हॉस्पिटल की सीटी स्कैन मशीन पिछले एक साल से खराब पड़ी है। बार-बार विवादों के बीच नई मशीन की खरीदारी के लिए टेंडर भी किया गया। आज स्थिति यह है कि ओल्ड मॉडल और न्यू मॉडल को लेकर मामला गरमाया हुआ है। इतना सब कुछ होने के बावजूद यह फाइनल नहीं किया जा सका है कि आखिर कौन सी मशीन हॉस्पिटल में इंस्टाल होगी।

पंप की खरीदारी में गड़बड़ी का आरोप

रिम्स के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में भी साढ़े 19 लाख रुपए के इंफ्यूजन सीरिज पंप खरीदने का मामला गरमाया था। तब भी डायरेक्टर ने बेवजह इंफ्यूजन सीरिज पंप की खरीदारी करने की बात कहीं थी। इसके बाद उन्होंने एचओडी पर पंप खरीदारी में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया था। इस बीच एचओडी और डायरेक्टर आमने-सामने आ गए थे। वहीं एचओडी ने सभी आरोपों को निराधार बताया था। बाद में मामला शांत हो गया।

Posted By: Inextlive