RANCHI लोगों का तरक्की का सफर नीचे से ऊपर होता है, पर रिम्स की सुपरिंटेंडेंट रह चुकीं डॉ कुमारी वसुंधरा के साथ इसका उल्टा हुआ है। अब इसे हेल्थ डिपार्टमेंट की लापरवाही कहें या फिर उसका मिस-मैनेजमेंट। जो डॉक्टर कुछ दिन पहले रिम्स में सुपरिंटेंडेंट के पद पर मरीजों को सेवा दे रही थीं, वो अब डिप्टी सुपरिटेंडेंट बन गई हैं और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट बनने के बाद भी रिम्स में वह कहां बैठेंगी इसका कोई अता-पता नहीं है। शनिवार को रिम्स में जब डिप्टी सुपरिंटेंडेंट बनीं डॉ कुमारी वसुंधरा आई तो अपने कक्ष में किसी और को बैठा देखकर चली गई।

यह अन्याय नहीं तो अौर क्या है

रिम्स की डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ कुमारी वसुंधरा ने बताया कि महिला होने की वजह से ये उनके साथ अन्याय नहीं तो और क्या है। वो सुपरिंटेंडेंट बनना नहीं चाहती थीं, पर उन्हें सुपरिंटेंडेंट बना दिया गया। जब वो सुपरिंटेंडेंट बनीं तो कुछ दिनों के बाद ही उन्हें सचिवालय में पोस्टिंग दे दी गई। जब वो इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में गई तो उन्हें रिम्स में डिप्टी सुपरिंटेंडेंट का प्रभार दे दिया गया।

क्या है मामला?

दिसंबर ख्0क्फ् में रिम्स की डिप्टी सुपरिंटेंडेंट रहीं डॉ कुमारी वसुंधरा को प्रभारी सुपरिंटेंडेंट का पोस्ट दिया गया था। जनवरी ख्0क्ब् में उन्हें पदोन्नति देते हुए सुपरिंटेंडेंट बना दिया गया। इसके बाद अचानक उन्हें कोई पोस्टिंग दिए हुए उनके पद से हटा दिया गया। हेल्थ डिपार्टमेंट के इस फैसले के खिलाफ वे मार्च में कोर्ट में गई। जस्टिस एनएन तिवारी की सिंगल बेंच ने फ्क् मार्च को फैसला सुनाया कि जब तक कोई अगला आदेश नहीं आ जाता वे रिम्स में ही रहेंगी। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करती हुईं डॉ कुमारी वसुंधरा ने चार अप्रैल को बतौर रिम्स सुपरिंटेंडेंट रिम्स ज्वाइन कर लिया। वह भी उसी रूम में बैठीं, जिसमें रिम्स सुपरिंटेंडेंट और इससे पहले एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट डॉ एसके चौधरी बैठते थे। ऐसी स्थिति में रिम्स में सुपरिंटेंडेंट के एक पद के लिए दो दावेदार हो गए। इस मसले की पेचीदगी को देखते हुए रिम्स मैनेजमेंट ने अटॉर्नी जेनरल से राय मांगी थी। इसके बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने फैसला लेते हुए डॉ कुमारी वसुंधरा को डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पद पर ज्वाइन करने का नोटिफिकेशन जारी किया। उन्होंने डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के पद पर रिम्स ज्वाइन भी कर ली, पर वह कहां बैठेंगी यह अभी भी कंफ्यूजिंग है, क्योंकि डिप्टी सुपरिंटेंडेंट के जिस कक्ष में वह बैठती थीं, वहां अब स्टोर इंचार्ज डॉ रघुनाथ सिंह बैठते हैं।

Posted By: Inextlive