महाकालेश्‍वर उज्‍जैन का नाम देश के प्रमुख तीर्थस्‍थलों में लिया जाता है। ऐसे में उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे से एक ऐसी जलधारा बह रही जो एक बड़ा रहस्‍य मानी जाती है। इसके जल ने लोगों को हैरत में डाल रखा है। यह जल धारा यहां पर घाट की सफाई के दौरान मिली है।

पानी काफी साफ
महाकाल की नगरी उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे यागेश्वर महादेव मंदिर के नीचे जमीन से एक बड़ी जलधारा बह रही है। कहा जाता सफाई के दौरान एक मोटी जलधारा बहती हुई मिली है। इस जलधारा के पानी ने श्रद्धालुओं को भी अचंभे में डाल रखा है। यह जलधारा काफी साफ है। यह नदी वहां पर गुप्त गंगा के नाम से जानी जा रही है। लोगों का कहना है कि यह काफी समय पहले लुप्त हो गई थी। जिससे इस रहस्य को लेकर लोग कई अलग-अलग तरह से बाते करते हैं। हालांकि अभी इसे इसका पूर्ण नाम नहीं दिया गया है। इस संबंध में उज्जैन यूनिवर्सिटी के आर्कियोलाजी डिपार्टमेंट ने जांच करने की त्ौयारी की है। वह अब यहां इसके पानी की जांच करके इसकी हकीकत का पता लगा रही है।
जलधारा की जांच
वहीं इस पूरे मामले में विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन के हिस्ट्री डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो. आर के अहिरवार का कहना है कि प्रयागेश्वर महादेव मंदिर को स्कंद पुराण के अवंतिका खंड में गंगा यमुना के संगम के रूप में जाना जाता है। ऐसे में यह जलधारा गुप्त गंगा हो सकती है। गौरतलब है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में दुनिया भर से लोग दर्शन करने आते हैं। यहां पर हर दिन भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगती हैं। सबसे खास बात तो यह है कि उज्जैन में महाकालेश्वर को लेकर मान्यता है कि जो भी मनुष्य प्रयागेश्वर महोदव के दर्शन-पूजन करता है। उसके सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष को प्राप्त करता है।

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Posted By: Shweta Mishra