सचिन-कोहली की तरह ऋषभ पंत ने भी पिता की मौत के अगले दिन खेली थी ऐतिहासिक पारी
पिता का अंतिम संस्कार कर मैदान पर उतरे थे पंत
कानपुर। आईपीएल 2018 के 42वें मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ दिल्ली डेयरडेविल्स के 20 साल के ऋषभ पंत ने ताबड़तोड़ बैटिंग कर शानदार शतक जड़ा। पंत ने इस पारी में 63 गेंदों में 128 रन की नाबाद पारी खेली। मौजूदा आईपीएल सीजन में यह अभी तक का सबसे बड़ा शतक है। इसी के साथ ऋषभ आईपीएल 11 में पंत सबसे ज्यादा 521 रन बनाकर ऑरेंज कैप होल्डर हैं। इस साल दिल्ली ने ऋषभ को 15 करोड़ में रिटेन किया था। पंत को इतनी बड़ी रकम क्यों मिली, इसके पीछे बड़ी वजह है। दरअसल पंत भारत के एक उभरते और युवा बल्लेबाज हैं। पिछले साल ऋषभ के पिता का देहांत हो गया था, उसके बावजूद वह अगले दिन मैदान पर उतरे और एक साहसिक पारी खेली। आईपीएल के ऑफिशियल रिकॉर्ड के मुताबिक, पंत ने 9 अप्रैल 2017 को 36 गेंदों में 57 रन बनाए थे, जबकि इसके ठीक एक दिन पहले वह पिता का अंतिम संस्कार कर वापस लौटे थे।
पिता को खोकर मैदान पर उतरने का अनुभव भले ही बयां कर पाना मुश्किल हो। मगर पंत से पहले सचिन तेंदुलकर ने 1999 वर्ल्ड कप में ऐसा ही कुछ किया था। यह विश्व कप इंग्लैंड में खेला जा रहा था। क्रिकइन्फो के अनुसार, 23 मई 1999 को भारत और केन्या के बीच टूर्नामेंट का 15वां मैच खेला जाना था। मगर इसके ठीक चार दिन पहले आई एक बुरी खबर ने पूरी इंडियन टीम को परेशान कर दिया था। दरअसल टीम के स्टार बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के पिता की मौत हो चुकी थी। यह खबर सुनते ही तेंदुलकर तुरंत इंग्लैंड से भारत वापस लौट आए। सभी को लगा कि सचिन शायद वर्ल्डकप जैसा बड़ा टूर्नामेंट छोड़ देंगे। मगर अंतिम संस्कार के बाद सचिन मैदान पर वापस लौटे और उन्होंने 23 मई को केन्या के खिलाफ नाबाद 140 रन की पारी खेली जिसे उन्होंने अपने पिता को समर्पित किया।
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने भी ऐसा ही कुछ जज्बा दिखाया था। विराट जब 18 साल के थे तब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। 19 दिसंबर 2006 को जब उनके पिता का देहांत हुआ उस वक्त विराट रणजी मैच खेल रहे थे। दिल्ली की तरफ से खेलते हुए विराट 40 रन पर नाबाद थे कि अचानक खबर आई कि उनके पिता नहीं रहे। विराट तुरंत अपने घर गए और पिता का अंतिम संस्कार किया। अगले दिन विराट मैदान पर उतरे और 90 रन की यादबार पारी खेलकर अपनी टीम को हार से बचाया।