बच्चे न होने के लिए महिला से ज्यादा पुरुष हैं दोषी

लाइफस्टाइल और बुरी आदतों के कारण आ रहीं समस्याएं

आगरा। कई सालों तक बच्चे न होने पर अक्सर महिलाओं को ही दोषी माना जाता है। इस कारण उन्हें सामाजिक, शारीरिक के साथ-साथ मेडिकली भी प्रताडि़त होना पड़ता है। जबकि हकीकत इससे परे है। क्योंकि अब महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में बांझपन बढ़ता जा रहा है। इसका कारण आज की बदलती लाइफस्टाइल और ध्रूमपान है।

तंबाकू को कहें ना

गुजरात की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ। पूर्णिमा नंद कल्यानी के अनुसार आज हर व्यक्ति के मुंह में मसाला लगा होता है। बड़ी शान से खाने वाले पुरुषों में स्पर्म की संख्या शून्य हो जाती है जिससे उसकी स्त्री को बच्चा होना संभव नहीं। इसके अलावा आजकल के टाइट पहनावे से भी पौरुष ग्रंथि पर दबाव बनता है जिससे शरीर में स्पर्म बनाने की क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। ऐसे में टेस्ट ट्यूब बेबी ही एक आखिरी उपचार बचता है।

दिन भर मुंह चलाना छोड़ो

अगर आप पिता बनने की ख्वाइश रखते हैं तो लोगों को अपनी आदतों को सुधारना होगा। क्योंकि यह आदत आपके अंदर स्पर्म बनने की क्षमता को धीरे-धीरे समाप्त करती जा रही है। अधिकांशत: बच्चे न होने पर महिलाओं को ही दोषी समझा जाता है। कई बार टेस्टिंग करवा-करवाकर महिलाएं थक जाती हैं और खुदको ही दोषी मानने लगती हैं। ससुरालीजन भी महिलाओं को ही दोषी मानते हैं। डॉ। कल्यानी ने बताया कि आज तंबाकू का यूज करने वाले पुरुषों के अंदर समय से पूर्व ही अंडे बनना ही बंद हो गये हैं। आज अगर तंबाकू खाने वालों की बात की जाए तो हर 10 में आठ व्यक्ति में स्पर्म संख्या शून्य है।

तो हर तरफ होंगे टेस्ट ट्यूब बेबी

पुरुषों की इन आदतों के कारण ही आज जगह-जगह आईवीएफ सेंटर्स को बढ़ावा मिल रहा है। वह दिन दूर नहीं जब हर आपके आसपास ज्यादातर टेस्ट ट्यूब बेबी ही नजर आए। टेस्ट ट्यूब की संख्या बढ़ने से यह बच्चे पिता से ज्यादा मां की ही छवि के नजर आएंगे। इसके लिए खुद पुरुष ही जिम्मेदार है।

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Posted By: Inextlive