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LUCKNOW: चुनाव प्रचार थमने के बाद लखनऊ लोकसभा सीट की कांग्रेस प्रत्याशी डॉ। रीता बहुगुणा जोशी का जोश अभी कम नहीं हुआ है। आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए डोर टू डोर उन्होंने मंगलवार को भी सम्पर्क किया। पहले की तुलना में अब वह उतनी व्यस्त नहीं हैं। दोपहर में लगभग दो घंटे का टाइम उन्होंने अपने आवास पर गुजारा, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के आने-जाने से उन्हें आज भी फुर्सत नहीं मिली। इस दौरान आई नेक्स्ट ने उनसे इलेक्शन से जुड़े कई सवाल पूछे जिन पर उन्होंने बेबाकी से अपनी बात रखी

- आज वोटिंग होनी है। अपनी जीत के प्रति कितनी आश्वस्त हैं?

यूपी में सत्ता सपा की है। उनके कारनामे पब्लिक देख ही रही है। दंगे तक हो गए। रही बात बीजेपी की तो लखनऊ में तमाम जगहों पर उनके नुमाइंदे मौजूद हैं। इसके बाद भी यहां का हाल बुरा है। मुस्लिम वोटर तो बीजेपी से किनारा ही कर चुका है। फिर पिछली बार हुए लोकसभा इलेक्शन में मैं मात्र क्ब् हजार वोटों से ही हारी थी। इस बार मेरी जीत तय है।

- लखनऊ में बीजेपी की लहर है। ऐसे में राजनाथ को फायदा हो सकता है?

लखनऊ में बीजेपी की कोई लहर नहीं है। यहां की जनता कैंडीडेट्स को देखती है। ऐसे में राजनाथ का इतिहास अच्छा नहीं रहा है। यहीं की महोना सीट से वह हार का सामना कर चुके हैं। यूपी के चीफ मिनिस्टर रहने के बाद भी उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं किया जो लखनऊ के लोगों को याद भी हो। उनमें जीतने का दम होता तो अटल बिहारी बाजपेई के अंगवस्त्र लाकर पब्लिक को दिखाने की जरूरत नहीं थी।

- मोदी फैक्टर का असर लखनऊ में दिखेगा या नहीं?

मोदी का फैक्टर यहां नहीं चलेगा। लखनऊ की पब्लिक बेहद समझदार है उसे मालूम है कि कौन साम्प्रदायिक है और कौन न्यूट्रल। साम्प्रदायिक पार्टी होने का जो लेवल बीजेपी पर लगा है, उसका भी नुकसान उसे उठाना होगा।

- पिछले दस साल में महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचा। केंद्र में होने के बाद भी कांग्रेस कुछ खास नहीं कर सकी।

दूसरी पार्टियां यह भ्रामक प्रचार कर रही हैं। कांग्रेस की नीतियों के वजह से देश को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ा। महंगाई की बात करें तो खुद कांग्रेस ने गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई जिसे स्टेट में ढंग से लागू नहीं किया गया।

- यूपी में कांग्रेस की सीटों के बारे में क्या कहना है?

निश्चित रूप से हम पिछले इलेक्शन से ज्यादा सीटें हासिल करेंगे। कांगे्रस को सिर्फ यहां ही नहीं देशभर में अधिक सीटें मिलेंगी।

- महंगाई, भ्रष्टाचार, रोजगार और नारी सुरक्षा के मुद्दे को लेकर कांग्रेस की क्या रणनीति होगी।

इसके पहले भी हम लोगों ने इसके लिए काम किया है। महिलाओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामले में लोगों को फांसी तक की सजा हुई है। पहले भी कह चुकी हूं कि महंगाई के लिए गरीबों के लिए कई योजनाएं बनी है लेकिन स्टेट्स ने अमल नहीं किया। उसी का खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ा।

- कई दिग्गज जयराम रमेश, चिदम्बरम और अहमद पटेल जैसे लोगों के बयानों से तो लग रहा है कि कांग्रेस सरेंडर कर रही है।

- बिल्कुल नहीं। उन लोगों ने यह बताया कि सुधार की गुंजाइश बची हुई है। किसी ने हार के बारे में नहीं कहा है।

Posted By: Inextlive