Gorakhpur : देवोत्थान एकादशी के अवसर पर वेंस्डे को श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर मंगल कामना की. साथ ही सिटी के कई स्थानों पर तुलसी विवाह का भी आयोजन किया गया. अलीनगर ठाकुरजी के मंदिर से भगवान विष्णु की बारात निकाली गई जो पुन: उसी स्थान पर पहुंचकर समाप्त हुई और वहां तुलसी से उनका विवाह धूमधाम से संपन्न हुआ. इसके अलावा सिटी के कई घरों में महिलाओं ने तुलसीजी व भगवान विष्णु का विवाह रचाया और मंगल कामना की.


मंगल गीत और जयघोष के बीच निकली शोभायात्राशोभायात्रा अलीनगर ठाकुरजी के मंदिर से शुरू हुई जो अलीनगर, बक्शीपुर, दीवान बाजार होते हुए ठाकुरजी के मंदिर पर पहुंचकर समाप्त हुई। शोभायात्रा में शामिल भगवान विष्णु की मूर्ति को दूल्हे के रूप में सजाया गया था। महिलाएं मंगल गीत गाते तो पुरुष जयघोष करते चल रहे थे। शोभायात्रा पहुंचने के बाद भगवान विष्णु का तुलसीजी से विधि-विधान से विवाह कराया गया। विवाह के समय मंगल गीत व वैदिक मंत्रोच्चार गूंजते रहे। विवाह के बाद तुलसीजी की विदाई की गई। सिटी के हर हिन्दू घर में तुलसी के पौधे के पास भगवान शालिग्राम (भगवान विष्णु के रूप) को रखकर तुलसी विवाह कराया गया। महिलाओं ने तुलसी जी को टीका लगाया। उन्हें दुल्हन की तरह सजाया था। श्रद्धालुओं ने तुलसीजी को गंजी, सूथनी, सिंघाड़ा आदि का भोग लगाया और उसे प्रसाद स्वरूप बांटा।गीता वाटिका में आज होगा तुलसी विवाह
भद्रा नक्षत्र होने के कारण गीता वाटिका में तुलसी विवाह थर्सडे को आयोजित की जाएगी। इस दौरान गीता वाटिका स्थित श्रीकृष्ण साधना मंदिर में ठाकुरजी के विग्रह के साथ तुलसीजी का विवाह कराया जाएगा।

Posted By: Inextlive