- राप्ती और रोहिन सभी नदियों में उतार का सिलसिला शुरू

- घाघरा अब भी खतरे के निशान के ऊपर लेकिन स्थिर

- बहरामपुर में सड़क तक पहुंचने के लिए चलने लगे गांव

GORAKHPUR: पिछले एक हफ्ते से बाढ़ का खौफ ग्रामीणों के दिलो दिमाग में बस गया है। बारिश न होने और नेपाल के कम पानी छोड़ने की वजह से पिछले दिनों उफान पर पहुंच चुकी नदियां अब शांत होने लगी हैं। घाघरा, राप्ती, रोहिन सभी नदियों में पानी का लेवल कम हो रहा है। मगर घाघरा अब भी खतरे के निशान के ऊपर ही बह रही है। इन सबके बाद भी कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। हालात यह है कि पानी कम होने से कटान भी तेज हो गई है और बहाव के साथ पानी मिट्टी भी साथ ले जा रहा है। इतना ही नहीं पानी से घिरे गांव के लोग सड़कों तक पहुंचने के लिए नाव का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं।

घाघरा बढ़त पर, स्थिर हुई रोहिन और राप्ती

नदियों में नेपाल का पानी न आने की वजह से नदियां स्थिर हो गई हैं। रोहिन, जिसमें 72 घंटा पहले काफी तेजी से पानी बढ़ रहा था, वह भी अब कम होने लगा है। वहीं घाघरा का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से राप्ती में पानी थोड़ा-थोड़ा बढ़ रहा है। मगर रोहिन के शांत होने और नेपाल के पानी न छोड़े जाने की वजह से यह बढ़त काफी कम है। नौसढ़ पुल पर राप्ती की बात करें तो यहां पानी में काफी हलचल है। आसपास के गांव पानी में डूब गए हैं, वहीं हल्की बढ़त की वजह से कटान भी काफी तेज है। जिससे लोगों ने सड़क किनारे आशियाना बना लिया है।

बहरामपुर में चल रही नाव

नौसढ़ से सटे बहरामपुर दक्षिणी गांव में पानी ने सारे घरों को अपनी आगोश में ले लिया है। इसकी वजह से वहां के लोग का सड़क से संपर्क टूट गया है। बच्चे बाढ़ के पानी में खेल रहे हैं, तो वहीं लोग सड़क तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा ले रहे हैं। इतना ही नहीं वहां आसपास के घर में कुछ लोगों ने तो इमारत की दूसरी मंजिल पर अपना सारा सामान शिफ्ट कर लिया है, लेकिन अब तक घर नहीं छोड़ा है। इसके साथ ही वहां मौजूद स्कूल में भी पानी भर गया है, जिसकी वजह से वह वहां से शिफ्ट कर दूसरे के घर में चलाया जा रहा है।

रोहिन और राप्ती स्थिर हो गई है। घाघरा में बढ़त की वजह से राप्ती का वॉटर लेवल थोड़ा बढ़ रहा है, लेकिन यह काफी कम है।

- गौतम गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर, डीडीएमए

Posted By: Inextlive