-किसान स्वाभिमान रैली के बहाने रालोद ने फिर शुरू की राजनीतिक कसरत

-देवगौड़ा, नीतीश, शरद यादव ने की भाजपा के खिलाफ एक समग्र गठजोड़ की वकालत

Meerut : किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह के स्मारक के बहाने वेस्ट यूपी के रास्ते सियासत में एक गठजोड़ की संभावना आकार लेती दिखी। क्ख्, तुगलक रोड को किसान स्वाभिमान का ठिकाना बताया गया और किसान-खलिहान की राजनीति करने वालों को एक मंच पर आने का आह्वान किया गया। अजित सिंह की क्ख् तुगलक रोड की कोठी के कंधे पर रखकर केंद्र सरकार और मोदी पर निशाना साधा गया। रैली में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का प्रस्ताव भी किया गया।

बनाना होगा स्मारक

दिल्ली-देहरादून बाईपास स्थित गायत्री गार्डन में रविवार को किसान अस्मिता की राजनीति 'भूल-चूक, लेनी देनी माफ' की मुद्रा में दिखी। लोकसभा चुनाव में बागपत के अपने गढ़ में झटका खाने वाली रालोद ने आक्रामक समाजवादी-लोहियावादी राजनीति के सहारे ऊर्जा बटोरने की कोशिश की। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगोड़ा ने खुद को चौ। चरण सिंह के सिद्धांतों से जोड़ते हुए उन्हें युगदृष्टा बताया। कहा कि वह देशभर के किसानों के लिए आस्था के प्रतीक रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार को स्मारक बनाना होगा। लोकसभा चुनावों से पूर्व तीसरे मोर्चे की बिखर गई संभावना को फिर बुनने पर जोर दिया।

इशारों का दौर खत्म

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्ख् तुगलक रोड पर निगाहें रखीं और निशाना भाजपा पर रखा। कहा कि हारकर भी तमाम भाजपाई बंगलों में रह रहे हैं। अजित से कोठी खाली कराने वालों को जनता याद रखेगी। मोदी की सफाई की अपील पर चुटकी लेते हुए कहा कि भ्रम फैलाने वाले गद्दी पर आ गए और जनता के बजाय झाडू के अच्छे दिन आ गए। नीतिश ने साफ कहा कि इशारों का दौर खत्म हुआ, मंच पर बैठे लोगों को एक होना होगा।

किसानों से संपन्नता

जदयू नेता शरद यादव ने कहा कि वेस्ट यूपी की संपन्नता किसानों की बदौलत है। कहा कि किसान और मुसलमान चौधरी साहब की दो भुजाएं थी, जिनमें सांप्रदायिक ताकतों ने फूट डाल दी। रालोद अध्यक्ष अजित सिंह ने कहा कि क्ख्, तुगलक रोड को स्मारक बनाना पूरे देश के किसान का हठ है। हम हठ से अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे।

नहीं चलेगी नाइंसाफी

यूपी सरकार के लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव ने भी चौ। चरण सिंह को किसानों का देवता बताया। जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ नाइंसाफी कर रही है। जदयू के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि सांप्रदायिक ताकतों के बहकावे में आकर वेस्ट यूपी के किसानों ने चौ। साहब के सिद्धांतों को भुला दिया, जिसकी वजह से अब किसानों की हालत पर किसी को तरस नहीं आता। मंच पर कांग्रेस समेत जदयू, सपा, जद (एस) और रालोद के झंडे एक नए राजनीतिक एका की ओर इशारा कर रहे थे। कंाग्रेस की ओर से नसीब पठान, राजेद्र शर्मा मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive