रांची। लॉकडाउन के दौरान रांची नगर निगम की झोली में टैक्स से रूप में 55 लाख 43 हजार 485 रुपए आए हैं। वहीं, ऑनलाइन टैक्स भरने का सिलसिला जारी है। सिटी के लोगों ने पिछले साल की तुलना में रांची नगर निगम को रिकॉर्ड टैक्स दिया है। एक साल में रांची नगर निगम के खाते में 53.55 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व आया है। एक से 30 अप्रैल तक 1944 लोगों ने होल्डिंग टैक्स के रूप में 55,22,899 रुपए जमा किए। इस दौरान 16 लोगों ने वाटर टैक्स के रूप में 13,926 रुपए और नौ लोगों ने ट्रेड लाइसेंस के लिए 6,660 रुपए टैक्स के रूप में रांची नगर निगम को दिए।

पिछले साल 49.27 करोड़

रांची नगर निगम ने पिछले साल यानी वर्ष 2018-19 में सिटी के लोगों से रिकॉर्ड तोड़ 49.27 करोड़ रुपए टैक्स की वसूली की थी। इसमें होल्डिंग टैक्स से कुल 47.41 करोड़ और ट्रेड लाइसेंस से 1.86 करोड़ रुपए मिले थे। वर्ष 2017-18 में रांची नगर निगम ने 42.21 करोड़ की टैक्स की वसूली की थी। उस लिहाज से पिछले साल सात करोड़ रुपए अधिक टैक्स की वसूली की गई थी। अब 2019-20 में 53 करोड़ 55 लाख टैक्स मिला है। ऐसे में देखा जाए तो इस बार भी निगम को पिछले साल की तुलना में 4 करोड़ 28 लाख रुपए टैक्स की बढ़ोतरी हुई है।

मात्र 15 करोड़ टैक्स

वर्ष 2014 में रांची नगर निगम को होल्डिंग टैक्स, ट्रेड लाइसेंस और वाटर टैक्स से मात्र 15 करोड़ रुपए टैक्स के रूप में मिलते थे। अब टैक्स से 50 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली हो रही है। पीपीपी मॉडल 2014 में नए सिरे से तैयार किया गया था और 2016 से इसे लागू कर दिया गया था। रेवेन्यू मॉडल के तहत नगर निकायों में होल्डिंग टैक्स, म्यूनिसिपल ट्रेड लाइसेंस और अन्य टैक्स में लगभग तीन गुना तक की बढ़ोतरी हो गई। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत टैक्स वसूली का काम प्राइवेट एजेंसी को दे दिया गया। इसके बाद सिटी में स्थित सभी घरों का टैक्स असेस्मेंट कराया गया था।

हमारे पास हाउस होल्डर्स की संख्या बढ़ी है। लोग टैक्स देने को लेकर जागरूक हैं। एडवांस टैक्स देकर छूट भी पा रहे हैं। टैक्स में बढ़ोतरी अच्छा रिजल्ट है। पहले की तुलना में रांची नगर निगम अब सेल्फ डिपेंडेंट हो रहा है।

-मनोज कुमार, नगर आयुक्त, रांची नगर निगम

Posted By: Inextlive