-आरटीओ, पीडब्ल्यूडी और ट्रैफिक पुलिस की जांच रिपोर्ट में खुलासा

-पिछले तीन साल में गोरखपुर में 205 एक्सीडेंट में गई 290 जानें

-ओवरटेक के चक्कर में होते ज्यादातर रोड एक्सीडेंट

GORAKHPUR: धड़ाधड़ सड़कों पर हो रहे हादसे और इनमें जा रहीं जानें ना जाने कितने परिवारों को तबाह कर रही हैं। इसे रोकने के लिए अधिकारी तमाम प्रयास कर रहे हैं। अब तो ज्यादातर सड़कें भी चकाचक हो चुकी हैं, लेकिन इसके बाद भी हादसों में कमी नहीं आई है। हर तीन साल पर पीडब्ल्यूडी, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की तरफ से हादसों की जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है। इसमें हादसों की सबसे बड़ी वजह तेज रफ्तार और ओवरटेकिंग निकलकर सामने आई है। वहीं, बढ़ते हादसों का एक और कारण लापरवाही से गाड़ी चलाना भी है। तीनों टीमों द्वारा बनाए गए आंकड़ों के मुताबिक तीन साल में ख्0भ् एक्सीडेंट हुए हैं, जिनमें ख्70 लोगों ने जान गंवाई है।

भारी पड़ती यंगस्टर्स की लापरवाही

आरटीओ के अनुसार, यंगस्टर्स को गाड़ी तेज चलाना पसंद है। वे किसी से पीछे रहना पंसद नहीं करते। वे नियम तो तोड़ते ही हैं, साथ में अपनी जान भी दांव पर लगा देते हैं। सड़क पर गलत तरीके से ओवरटेक करना वो अपनी काबिलियत समझते हैं जिसके चलते एक दिन खतरे में पड़ जाते हैं। आरटीओ डीडी मिश्रा बताते हैं कि गाड़ी चलाते समय जरा भी ध्यान इधर-उधर भटका तो बड़ा हादसा हो सकता है। कई लोग तो गाड़ी ड्राइव करते वक्त गाना सुनना और फोन से बातें करते रहते हैं जिससे उनका ध्यान दूसरी तरफ चला जाता है। इस कारण भी काफी हादसे होते हैं।

बढ़ गया मौतों का आंकड़ा

ख्0क्म् में आए आंकड़ों के मुताबिक, तीन साल में ख्90 एक्सीडेंट और ख्क्क् मौतें हुई थी। इस बार जब ख्0क्9 में पिछले तीन साल का आंकड़ा तैयार किया गया तो इसमें एक्सीडेंट तो ख्0भ् हुए, लेकिन मौत की संख्या बढ़कर ख्70 हो गई। जबकि, पहले अधिकतर सड़कें बदहाल हुआ करती थीं। वहीं अब अधिकतर सड़कें चकाचक और मेंटेन हो गई हैं।

होते रहते हैं अवेयरनेस प्रोग्राम

आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की तरफ से हर साल सड़क सुरक्षा माह अभियान चलाया जाता है। इसमें स्कूल्स, गाड़ी के शो रूम में कैंप लगाया जाता है और सड़क पर नियम से चलने के टिप्स अधिकारियों द्वारा दिए जाते हैं। इसके अलावा पंपफ्लेट और अखबारों में सड़क सुरक्षा के नियमों का एड भी कराया जाता है ताकि लोग अपनी जान की कीमत समझें और यातायात नियमों का पालन करें। इसके लिए शासन से अच्छा-खासा फंड भी पास होता है।

इन जगहों पर अिधक हादसे

नौसड़, कसीहार बगहावीर मंदिर, बोकटा, दाना-पानी होटल, भीटी रावत, मरचही कुटीर, रावतगंज, फुटहवा इनार, निबियहवा ढाला, चौमुखा, सोनबरसा, कोनी, कस्बा पीपीगंज, रामनगर करजहां, जंगल धूषण से पिपराइच, चौरीचौरा, बेलो सिधावल, मरचहवा बाबा तिराहा, देवीपुर, रामपुर बुजुर्ग, चवरिया खुर्द, खजांची चौराहा, चौमुखा, भीटी रावत।

ख्0क्म्

एक्सीडेंट मौत

ख्90 ख्क्क्

ख्0क्9

एक्सीडेंट मौत

ख्0भ् ख्70

शहर में ब्लैक स्पॉट - ख्म्

वर्जन

केवल यातायात नियम का ही लोग पालन सही से करें तो हादसों को रोका जा सकता है। सबसे अधिक हादसों की वजह तेज स्पीड और ओवरटेक है।

डीडी मिश्रा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive