-विभागों की ओर से काम नहीं कराने के निर्णय पर लोगों ने उठाये सवाल

-शहर में कई हैं कॉलोनियां, दस हजार घरों में 80 हजार लोग रहते हैं

ALLAHABAD: एडीए के कसारी-मसारी आवास योजना, कालिंदीपुरम और आवास विकास परिषद के जीटीबी नगर से सटे 1600 मीटर लंबी रोड के बीच बसी करीब एक लाख से अधिक की आबादी के अधिकारों पर एडीए, नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने सवालिया निशान लगाया है। हाउस टैक्स और वाटर टैक्स वसूलने वाला नगर निगम भी अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ा रहा है। ऐसे में लोगों की ओर से यही सवाल किया जा रहा है कि जब पूरा का पूरा एरिया अवैध है तो फिर उसे बसने ही क्यों दिया गया। अवैध एरिया से हाउस टैक्स, वाटर टैक्स क्यों वसूला जा रहा है और जब टैक्स ले रहे हैं तो फिर सुविधाएं क्यों नहीं दे रहे हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कसारी-मसारी के वाशिंदों से बातचीत की तो उन्होंने अपनी समस्याएं बताई। लोगों ने हाउस टैक्स, वाटर टैक्स और बिजली का बिल दिखाते हुए शहर का वाशिंदा होने के सबूत भी दिए।

बस चुका है एक छोटा शहर

पूरी तरह से क्षतिग्रस्त और गढ्डे में तब्दील 1600 मीटर रोड के बीच में सड़क के दोनों ओर करीब दस हजार से अधिक मकानों का एक छोटा शहर बस चुका है। इसमें करीब एक लाख से अधिक आबादी रहती है। जितने भी मकान बने हैं, करीब-करीब सभी नगर निगम के हाउस टैक्स के दायरे में आते हैं और 80 प्रतिशत से अधिक लोग हाउस टैक्स भी जमा करते हैं। बिजली विभाग ने लोगों को कनेक्शन दे रखा है। जलकल विभाग भी पाइप लाइन बिछाने के साथ लोगों को पानी पिला रहा है। नमामि गंगे के तहत पूरे क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। ऐसे में किसी विभाग द्वारा कैसे कहा जा सकता है कि एरिया अवैध है।

मेरे बच्चे सिविल लाइंस स्थित बिशप जानसन और खेलगांव पब्लिक स्कूल में पढ़ते हैं। सड़क खराब होने से स्कूल बस आने में काफी दिक्कत होती है। इसलिए मजबूरी में बच्चों को स्कूल छोड़ने जाना पड़ता है।

जरीना बिलकिस

सड़क पर किसी भी वाहन से चलना मुश्किल है। पैदल तो और भी मुश्किल है। नगर निगम हमसे हाउस टैक्स लेता है। हम नगर निगम के वोटर हैं। निगम ने इस पूरे एरिया को वार्ड 80 का हिस्सा माना है।

एडवोकेट वहाज अहमद

अन्य नागरिकों की तरह हम भी इसी शहर के वाशिंदे हैं, जो हाउस टैक्स, वाटर टैक्स नगर निगम को देते हैं। बिजली का बिल भी जमा करते हैं। इसके बाद भी हम सब अवैध वाशिंदे कैसे हो सकते हैं।

नसीम जैदी

रोड न बनने और धूल उड़ने की वजह से सांस फूलने लगती है। चलने में काफी दिक्कत होती है। यदि सड़क की मरम्मत नहीं हुई तो इस एरिया के लोग दमा व अन्य संक्रामक रोगों के शिकार हो जाएंगे।

शकील अहमद जैदी

पूरी रोड गढ्डे में तब्दील होने की वजह से बच्चों को काफी दूर तक पैदल जाना होता है। इसके बाद ई-रिक्शा से स्कूल भेजना पड़ता है। बच्चे जब तक घर नहीं आ जाते चिंता बनी रहती है।

आमिना खातून

एडीए के अधिकारी इस पूरे एरिया को अवैध बताते हैं, जबकि एडीए ने ही इसे बसाया है। यदि एरिया अवैध है तो उस समय एडीए के अधिकारी कहां थे जब लोग यहां मकान बनवाकर बसने की तैयारी कर रहे थे।

मो। नवाब आलम

कसारी-मसारी में रहती हूं। खराब सड़क की वजह से मैं चार-पांच बार गिर कर घायल हो चुकी हूं। टैक्स जबरन वसूला जाता है और सुविधा देने की बारी आती है तो इलाके को अवैध बता दिया जाता है।

महमूदा बेगम

खराब रोड की वजह से दिक्कत होती है। रोड पर पानी बहता है। बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होती है। बीमार हो जाएं तो हॉस्पिटल पहुंचने में घंटों समय लग जाता है, जिससे स्थिति काफी बिगड़ जाती है।

आमना खातून

मेरे बच्चे हमीदिया कॉलेज में पढ़ते हैं। उबड़-खाबड़ रास्ते से धूल फांकते हुए पर डे स्कूल जाते हैं। इसकी वजह से आए दिन बीमार रहते हैं। मेरे बच्चों की तरह ही इलाके के अन्य बच्चे भी परेशानी झेलते हैं।

ऐनुल हक

स्मार्ट सिटी और कुंभ मेला के नाम पर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया जा रहा है। सड़कें व पटरियां उखाड़ कर फिर बनाई जा रही हैं। लेकिन जहां डेवलपमेंट वर्क की जरूरत है। वहां काम नहीं कराया जा रहा है।

हाजी शब्बीर उद्दीन

Posted By: Inextlive