गड्ढों में कहां गुम हो गई सड़कें, ढूंढ़ रहा पीडब्ल्यूडी
- पीडब्ल्यूडी ने सिटी की सड़कों पर गड्ढे तलाशने के लिए शुरू किया सर्वे
- तीन दिन में गड्ढे तलाश कर शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट, बजट मिलते ही शुरू होगा मरम्मत का काम बरेली। गड्ढों में गुम हो गई सिटी की सड़कों को अब ढूंढ़ा जाएगा। ढूंढ़ कर उनके गड्ढों को भरा जाएगा। ताकि उस सड़क का पता लगाया जा सके, जो इन गड्ढों में गुम हो गई थी। आपको यह जानकार खुशी होगी कि इन जानलेवा गड्ढों का तीन दिनों में ही पता लगाया जाएगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने सर्वे शुरू कर दिया है। गड्ढों की तलाश पूरी होने पर सड़कों की मरम्मत के लिए सरकार को प्रपोजल भेजा जाएगा। इसके बाद बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। सात दिन का मिला मौकापीडब्ल्यूडी के अफसरों का कहना है कि सरकार ने बीते दिनों वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से सभी जिलों की टूटी सड़कों की समीक्षा की थी। इसमें बारिश के बाद सड़कों के गड्ढों की मरम्मत के लिए सर्वे करने को कहा था। इसके लिए एक सप्ताह का समय दिया गया था।
इस कारण नहीं हुआ काम - लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू थी। इस वजह से पीडब्ल्यूडी को मरम्मत के लिए बजट नहीं दिया था।- इसके बाद बारिश के कारण बजट जारी नहीं किया गया था। इस वजह से सड़कों पर जानलेवा गढ्ड़े ही देखने को मिल रहे हैं।
वाराणसी की घटना से डरे हैं अफसर बिना बजट के ठेकेदार से काम कराने की हिम्मत पीडब्ल्यूडी के अफसर नहीं जुटा पा रहे हैं। क्योंकि कुछ माह पहले वाराणसी में बिना बजट के ही सड़क बनवा ली गई थी। पैसे न मिलने के कारण अगस्त में ठेकेदार ने इंजीनियर के दफ्तर में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस घटना के बाद अफसर सहम से गए हैं। वर्जन गढ्डा युक्त सड़कों का सर्वे किया जा रहा है। यह कार्य तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्रस्ताव शासन भेजा जाएगा। जहां से बजट मिलते ही गढ्ड़ों को सही करा दिया जाएगा.-वीएस शर्मा अधीशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी ---------------------- डीएम-कमिशनर ने लगाई थी फटकार, आज मंत्रीजी क्या दोगे जवाबसितंबर के फर्स्ट वीक में डीएम ने समीक्षा बैठक में सड़कों और फ्लाईओवर्स पर गढ्ड़ों को लेकर नाराजगी जताते हुए इन्हें बरेली जिले के प्रभारी ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के 26 सितंबर के दौरे से पहले भरने का निर्देश दिया था। लेकिन, गड्ढे जस के तस हैं। बजट न होने के कारण विभाग के अधिकारियों हाथ खड़े कर दिए हैं। 21 सितंबर को कमिश्नर ने मंडलीय समीक्षा में पीडब्ल्यूडी के अफसरों से सड़कों की स्थिति से जुड़े रिकार्ड मांग लिया था, जिसे वे नहीं दे पाए थे। इसे लेकर उन्होंने अफसरों की जमकर क्लास लगाई थी।
पर अब तक नहीं भरे गए गड्ढे 1. बीबीएल स्कूल के पास : कुदेशिया पुल के नीचे वाली सड़क पर दो जानलेवा गढ्ड़े हैं। जिसमें अक्सर बाइक सवार गिर जाते हैं। आस-पास के लोगों का कहना है कि इस गढ्ड़े में गिरने से बाइक सवार की मौत तक हो चुकी है। 2. किला पुल : रामपुर रोड की ओर जाने वाले रास्ते पर किला पुल के पास करीब चार फीट लंबा और एक फीट चौड़ा गढ्ड़ा है, जिसे अब तक नहीं भरा गया है। 3. मेयर ऑफिस के सामने : हेडपोस्ट ऑफिस के पीछे भी गढ्ड़ा जानलेवा साबित हो रहा है। यहां रात में अक्सर स्पीड में जाने वाले बाइक सवार डिसबैलेंस होकर गिर जाते हैं। 4. सर्किट हाउस चौहारा : यहां बीच चौराहे पर ही बड़ा गढ्डा है। इसके चारो ओर चूना डालकर मार्क कर दिया गया है ताकि लोग उसे देख सकें।5. कलेक्ट्रेट के पास : हेडपोस्ट मार्ग से कलेक्ट्रेट जाने वाले रास्ते पर एक जानलेवा गढ्डा बीच सड़क में है। रात में इसमें अक्सर गाडि़यां फंस जाती हैं। रोज अफसर इसी रास्ते से निकलते हैं, लेकिन इसे सही नहीं कराया जा सका।
आज मंत्री की नजर पड़ी तो क्या होगा ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा आज समीक्षा और स्थलीय निरीक्षण करने के लिए बरेली आ रहे हैं। इसकी तैयारियों में अफसर जुटे हुए हैं। ऐसे में यदि उनकी नजर किसी गढ्ड़े पर पड़ी तो अफसरों को जवाब तक देना मुश्किल हो जाएगा।