11 जनवरी से 17 जनवरी तक सडक सुरक्षा सप्ताह मनाया गया

इस दौरान तीन युवाओं की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई

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RANCHI (17 छ्वड्डठ्ठ): राजधानी में 11 जनवरी से 17 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया गया। लेकिन इसकी पोल खुल गई है। लोगों को जागरूक करने के लिए आला अफ सरों ने बैठक की। जागरुकता रथ भी निकाला गया, लेकिन ट्रैफि क नियमों का पालन नहीं हुआ। न ही पुलिस सड़क सुरक्षा को लेकर चौकस रही और न ही आम नागरिकों पर इसका कोई असर दिखा। हालत यह रहा है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी, और कई लोग सड़क दुर्घटना में घायल हो गए।

लोगों ने हेलमेट तक नहीं पहना

शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर ट्रैफि क नियमों का लोगों ने पालन नहीं किया। पड़ताल की। इस दौरान यह स्पष्ट दिखा कि लोग इस सप्ताह भी सुरक्षा को लेकर उतने ही उदासीन हैं, जितने की पहले थे। बिना हेल्मेट व तीन सवारियों को बिठाकर बाइक चलाते लहेरियाकट बाइकर्स की करतूत जारी रही। ओवरलोड वाहन पूर्व की तरह सड़कों पर दौड़ते रहे। फुल स्पीड पर पूर्ववत वाहन दौड़ते रहे। ट्रैफि क पुलिस पोस्ट के भीतर पड़ी रही। उनके सामने ट्रैफि क नियमों का खुलकर उल्लंघन होता रहा। दुर्घटना को लेकर बरती जा रही लापरवाही में कोई फ र्क नहीं पड़ा। ्र

रांची के आंकड़े डराने वाले

पिछले वर्ष 2019 में रांची में 1850 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 350 से अधिक की मौत हुई है। जबकि वर्ष 2018 में कुल 538 सड़क हादसे हुए। इसमें 363 लोगों की मौत हुई। जबकि 328 लोग घायल हुए हैं। ये आंकड़े डराने वाले हैं। अधिकतर दुर्घटनाएं ब्लैक स्पॉटों के कारण हो रही हैं।

इन नियमों का करें पालन तो बची रहेगी जान

1. बिना हेल्मेट के बाइक न चलाएं

2. बाइक खरीदते समय हेल्मेट भी लें

3. ओवरलोड व ट्रिपल लोड न चलें

4. सीट बेल्ट का हमेशा उपयोग करें

5. ओवरटेक न करें व स्पीड कंट्रोल रखें

नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना

अपराध जुर्माना

बिना डीएल गाड़ी चलाना 500 रुपए

बिना डीएल दूसरे की गाड़ी चलाना 1000 रुपए

बिना निबंधन गाड़ी चलाना 5000 रुपए

बिना हेल्मेट बाइक चलाना 300 रुपए

अधिक स्पीड में गाड़ी चलाना 5000 रुपए

ओवरटेक व ट्रिपल लोड 500 रुपए

गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बातचीत 1000 रुपए

ब्लैक स्पॉट से बढ़ रही दुर्घटनाएं

शहर में ब्लैक स्पॉटों की पहचान और इसकी सुधार की कई बार योजनाएं बनीं। लेकिन अबतक सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। कुछ जगहों पर सुधार हुआ, लेकिन अधूरे काम की वजह से हादसों पर लगाम नहीं लगा है। रांची में जो ब्लैक स्पॉट हैं उनमें कई तीखे मोड़ हैं। कहीं घाटी, तो कहीं डायवर्सन हैं। एफ आइआर के आधार पर ये सर्वे किए गए हैं। स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने कई बार ऐसे जगहों को दुरुस्त करने के लिए पत्राचार किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

स्पीड गवर्नर सिर्फ कहने को

रांची में स्पीड गवर्नर के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। चालू कंपनियों के स्पीड गवर्नर वाहनों में लगाए जा रहे हैं। इन स्पीड गवर्नर के टेस्टिंग की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि सरकार ने वाहनों के लिए स्पीड गवर्नर को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन इसे चेक करने के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। वाहनों में लगे स्पीड गवर्नर के क्वालिटी की न तो जांच हो रही है और न ही उसपर मुहर लगा रही है। ऐसे में यहां वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति ही हो रही है।

Posted By: Inextlive