-लगातार बढ़ती जनसंख्या के आगे संकरी होती जा रही हैं शहर की सड़कें

- इस साल काटे जा चुके हैं 1500 पेड़, चल रही हैं कुंभ की तैयारियां

ALLAHABAD: शहर की आबादी लगातार बढ़ रही है। बढ़ती आबादी को तमाम संसाधन भी चाहिए। ऐसे में शहर की सड़कें जनसंख्या के लिहाज से संकरी होती जा रही हैं। उनके चौड़ीकरण के लिए रोजाना पेड़ काटे जा रहे हैं। सर्वाधिक पेड़ इस साल कुंभ की तैयारियों को लेकर काटे गए हैं। जबकि बदले में पौधे लगाने की मुहिम अभी शुरू नहीं हो सकी है।

वादे बड़े-बड़े, जमीन पर कुछ नहीं

अगले साल कुंभ को देखते हुए शहर की तमाम सड़कों का चौड़ीकरण हो रहा है। यही कारण है कि पिछले आठ माह में 1500 पेड़ काट दिए गए और अभी तकरीबन 500 और पेड़ काटे जाने की तैयारी चल रही है। बताया जाता है कि आबादी बढ़ने से वाहनों की संख्या बढ़ गई और इसके चलते आए दिन जाम की समस्या पैदा हो रही है। इसी से निपटने के लिए पेड़ काटकर सड़क चौड़ी की जा रही हैं।

छह साल बाद फिर हरियाली पर गाज

बता दें कि इसके पहले 2013 में लगे कुंभ की तैयारियों को लेकर हजारों पेड़ काटे गए थे। तब काफी हो हल्ला मचा था लेकिन उसकी भरपाई आज तक नहीं हो सकी। आंकड़ों पर जाएं तो उस दौरान कुंभ के अलावा इलाहाबाद-मिर्जापुर रोड, झूंसी के आगे जीटी रोड और इलाहाबाद-लखनऊ हाइवे निर्माण को मिलाकर 11565 पेड़ों की कटाई की गई थी। इसके बदले में वन विभाग द्वारा 65 हजार पौधे लगाने का दावा केवल फाइलों में कैद होकर रह गया।

अब एक लाख पौधे लगाने का दावा

इस बार प्रशासन ने काटे गए पेड़ों के एवज में एक लाख पौधे लगाने का दावा किया है। उधर एडीए ने भी दस हजार से अधिक पौधे लगाने की बात कही है। लेकिन सवाल यह उठता है कि लगाए जाने वाले पौधे की देखभाल कौन करेगा? बता दें कि वन विभाग के पास लगाए गए पौधों के सर्वाइविंग का कोई डेटा उपलब्ध नही होता है। महज बीस से तीस फीसदी पौधे ही सर्वाइव कर पाते हैं।

कोर्ट ने लगाई रोक, डीएम देंगे अनुमति

शहर में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन जुलाई को इस पर रोक लगा दी। साथ ही निगरानी के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया। कोर्ट का कहना है कि बहुत जरूरी होने पर पेड़ काटा जाए और बदले में दोगुने पौधे लगाए जाएं। कमेटी में एडीएम प्रशासन, एडीए सचिव, उपनगर आयुक्त, प्रभागीय वन अधिकारी और सिविल सोसाइटी की प्रतिनिधि शामिल हैं।

फैक्ट फाइल

1500 पेड अब तक काटे गए

500 और पेड़ों को काटने की योनजा

01 लाख पेड़ बदले में लगाने का प्रशासन का दावा

10 हजार पेड़ एडीए द्वारा लगाने का दावा

11565 पेड़ 2013 में कुंभ और हाईवे निर्माण में काटे गए

65 लाख है जिले की जनसंख्या

17 लाख शहर की जनसंख्या

59.59 लाख 2011 में जिले की जनसंख्या

49 लाख 2001 में जिले की जनसंख्या

जितने पेड़ काटे जा रहे हैं, एवज में उतने पेड़ लगाए भी जाने चाहिए। लगाने के बाद उनकी देखभाल भी जरूरी है। ऐसा नहीं करने से पर्यावरण का जबरदस्त नुकसान पहुंचेगा।

-ध्रुवराज सिंह

शहर में जितनी जगह पौधे लगाए गए हैं उनकी देखभाल नहीं की जाती है। ऐसे में वह जल्द ही सूख जाते हैं। जितने भी पौधे लगाए जाएं उनकी देखरेख की जाए।

-तकसीर अहमद

विदेशों में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी गई है। खासकर विकसित देशों में तो इन पेड़ों की बकायदा शिफ्टिंग की जाती है। एक पेड़ को पनपने में कई साल लगते हैं और यह हमारे जीने का सहारा हैं।

-मोहित

पेड़ों को काटने की परमिशन दी नहीं जानी चाहिए। डेवलपमेंट करने के लिए पर्यावरण का नुकसान जरूरी नहीं है। इससे अच्छा होगा कि जनसंख्या पर रोक लगाई जाए। वरना एक दिन सड़क पर चलना मुश्किल हो जाएगा।

-सिमरन

Posted By: Inextlive