- नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट्स में यूज करेगा एलईडी बल्ब का

- नगर निगम और केस्को ऑफिसर्स की हुई मीटिंग

KANPUR: सिटी की रोड्स एलईडी से जगमगाएगी। इससे पॉवर की डिमांड घटेगी और नगर निगम का करोड़ों रुपए का बिजली का बिल भी बचेगा। स्ट्रीट लाइट्स में सोडियम बल्ब, ट्यूबलाइट की जगह सीएफएल के यूज को लेकर गुरूवार को नगर निगम ऑफिसर्स ने केस्को ऑफिसर्स के साथ मीटिंग भी की।

35 करोड़ का आया बिल

नगर निगम के शहर में 70 हजार से अधिक स्ट्रीट लाइट प्वाइंट हैं। जिन पर नगर निगम ने सोडियम फिटिंग, ट्यूब लाइट, हाईमास्ट लाइट आदि लगा रखी है। इसके चलते नगर निगम को पिछले साल करीब 35 करोड़ रुपए का बिल चुकाना पड़ा था।

50 फीसदी बचेगी बिजली

केस्को ऑफिसर्स की मानें तो सोडियम फिटिंग में लगने वाले बल्ब व ट्यूबलाइट की जगह अगर नगर निगम सीएफएल लगाता है तो कम से 50 परसेंट की बिजली की बचत होगी। नगर निगम का बिजली का बिल भी घटकर लगभग आधा हो जाएगा। इससे नगर निगम के 81 हजार स्ट्रीट लाइट के जलाने पर सिटी में एकदम से बढ़ने वाला पॉवर लोड भी कम हो जाएगा। केस्को को पीक ऑवर्स यानि शाम से रात 10 बजे तक होनी वाली पॉवर लोडिंग से काफी राहत मिल जाएगी। केस्को के चीफ इंजीनियर एके कोहली ने बताया कि नगर निगम स्ट्रीट लाइट्स में लगे बल्ब व ट्यूबलाइट की जगह एलईडी बल्ब लगाने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट को लेकर ही मीटिंग हुई। स्ट्रीट लाइट में एलईडी बल्ब के यूज से बिजली की बचत तो होगी ही, साथ में ही पॉवर लोड भी काफी घट जाएगा।

सब्सिडाइज रेट पर एलईडी

सेंट्रल गवर्नमेंट का एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड डिमांड साइड मैनेजमेंट बेस्ड एफिशिएंट लाइटिंग प्रोग्राम के तहत केस्को से मिलकर सिटी में सब्सिडाइज रेट पर एलईडी बांट रहा है। 100 रुपए प्रति एलईडी के हिसाब से लोगों को कीमत चुकानी पड़ रही है। 20 जुलाई से अब तक लाखों की संख्या में एलईडी बांटी जा रही हैं। ईईएसएल और केस्को ऑफिसर्स का दावा है कि 7 वॉट का एलईडी बल्ब 14 वॉट के सीएफएल और 60 वॉट के बल्ब से अधिक रोशनी देता है।

Posted By: Inextlive