-रोडवेज पैसेंजर्स को किराये पर साइकिल देने की योजना हुई पंचर, अभी तक एक भी पैसेंजर ने नहीं ली किराये पर साइकिल

-अवेयरनेस के अभाव में नहीं मिल पा रही है यात्रियों को साइकिल, हेडक्वॉर्टर की ओर से हर रोडवेज डिपो पर उपलब्ध कराई गई है साइकिल

VARANASI: जिस 'साइकिल' की पूरी यूपी में सत्ता चल रही है वही साइकिल अपने बनारस रोडवेज डिपो पर पंचर हो गई है। अब आप सोच रहे होंगे कि रोडवेज पर आखिर साइकिल का क्या मतलब? तो आपको बता दें कि सीएम अखिलेश यादव की मंशा पर रोडवेज पैसेंजर्स को रोडवेज डिपो पर साइकिल की भी सुविधा मुहैया कराई गई हैं, रोडवेज हेडक्वॉर्टर की ओर से सभी रोडवेज डिपो पर साइकिल दी गई हैं जिससे कि दूर दराज रूरल एरिया से सिटी में आने वाले रोडवेज पैंसेंजर्स बस से उतरते ही किराये पर साइकिल लेकर अपनी जरूरत को पूरा कर सकें। लेकिन रोडवेज की इस बेहतरीन योजना की हवा निकलते देखी जा रही है। क्योंकि लगभग दो माह से अधिक समय हो गया लेकिन अभी तक एक भी पैसेंजर को साइकिल किराये पर नहीं दी गई है। अब इसे अवेयरनेस की कमी कह लें या फिर यूं कह लें कि बनारस में कोई साइकिल से चलना ही नहीं चाहता।

स्टैंड में क्क् साइकिल फांक रही धूल

रोडवेज बस स्टेशन के बाइक स्टैंड में ही साइकिल खड़ी की गई है। कुल क्क् साइकिलों को मोटे सीकड़नुमा चेन से बांधकर रखा गया है। कई दिनों से खड़ी-खड़ी सभी साइकिलों की हवा भी निकल गई है। सोर्स बताते हैं कि जब से साइकिल रोडवेज डिपो पर पहुंची हैं तब से एक बार भी किसी पैसेंजर्स को किराये पर नहीं दी गई है।

अवेयरनेस के कारण फांक रही धूल

एक बात तो यह भी है कि बहुत से यात्रियों को पता ही नहीं है कि किराये पर साइकिल देने की कोई योजना भी रोडवेज में चल रही है। इसके लिए रोडवेज को बाकायदा प्रचार प्रसार करने की जरूरत है। बस स्टेशन परिसर से लेकर हर बसेज में पैम्फलेट, स्टीकर आदि से प्रचार होना चाहिए, किराये पर साइकिल लेने के लिए क्या प्रॉसेस है? इसकी हर जानकारी रोडवेज यात्रियों को होनी चाहिए।

आईडी प्रूफ, गारंटर भी है जरूरी

रोडवेज ऑफिसर्स की माने तो अभी तक एक भी पैंसजर ने किराये पर साइकिल लेने के लिए आवेदन नहीं किया है। साइकिल लेने के लिए पैसेंजर्स के पास बस टिकट, आईडी प्रूफ के अलावा एक गारंटर भी होना जरूरी है। तभी साइकिल किराये पर दी जाएगी। साइकिल का किराया भी महज पांच रुपये प्रतिदिन रखा गया है।

अभी तक कोई यात्री साइकिल लेने के लिए पहुंचा ही नहीं है। यह हाल लखनऊ सहित कई शहरों का है।

पीके तिवारी

आरएम, रोडवेज कैंट

Posted By: Inextlive