- बनारस-गोरखपुर-सोनौली चलने वाली काशी डिपो की बस का हाल

- बिना चेक किए ही लॉन्ग रूट पर दौड़ा दी गाड़ी, ड्राइवर की सूझबूझ से बची 44 पैसेंजर्स की जान

GORAKHPUR: हाल ही में हुए यमुना एक्सप्रेस-वे हादसे में जरा सी लापरवाही ने कितने ही लोगों का परिवार उजाड़कर रख दिया। इसके बाद परिवहन विभाग में ऐसी हलचल मची कि आनन-फानन में नियमों में तमाम बदलाव अधिकारियों ने किए। सभी रीजन के आरएम को मुख्यालय से सख्त निर्देश आया कि नियम फॉलो ना करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी गोरखपुर में जो सीन देखने को मिला वो अच्छे-अच्छों का पसीना छुड़ा देगा। हुआ कुछ यूं कि सोनौली से काशी डिपो की बस 44 पैसेंजर्स को बैठाकर गोरखपुर आ रही थी जिसका गोरखपुर के मेन धर्मशाला मार्केट में ही ब्रेक फेल हो गया। वो तो गनीमत रही कि किसी तरह ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ से एक बड़े हादसे को टाल दिया।

सोमवार को बनारस से निकली थी बस

काशी डिपो की बस में मौजूद ड्राइवर व कंडक्टर ने बताया कि सोमवार सुबह 9 बजे बनारस से वे रोडवेज की बस नंबर - यूपी 65-बीटी 2623 लेकर निकले। गोरखपुर होते हुए रात को 10 बजे सोनौली पहुंचे। मंगलवार सुबह सोनौली से गोरखपुर के 40 और बनारस के 4 पैसेंजर्स लेकर वो लोग सुबह 7 बजे निकले। सुबह करीब 10 बजे बस गोरखपुर के धर्मशाला बाजार में पहुंची तो उसका ब्रेक फेल हो गया। भीड़-भाड़ के बीच किसी तरह ड्राइवर ने बस पर काबू पाया।

12 बिंदुओं पर होनी थी जांच

परिवहन विभाग ने अभी कुछ ही दिन पहले रोडवेज की बसों के लिए नए और सख्त नियम बनाए हैं। इसके अनुसार प्रदेश के सभी रीजन में 30 जुलाई तक सभी बसों को दुरुस्त करा लेना था। इसके लिए सभी रीजन के आरएम के पास लेटर भी आया था। इसमें हर दिन डिपो से बस निकलने के पहले उनकी 12 बिंदुओं पर अच्छे से जांच होनी थी। कोई भी कमी होने पर बस को रोड पर नहीं भेजना था।

दांव पर लगा दी पैसेंजर्स की जान

काशी डिपो की बस को देखने के बाद इसमें बैठने की इच्छा जरा भी नहीं होगी। बस की हालत पूरी तरह खटारा है। इसके बाद भी बनारस परिवहन निगम के जिम्मेदार पैसेंजर्स की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। इतनी खटारा बस को रोड पर उतारने से पहले कोई जांच नहीं की गई है। ये इस बस को देखकर ही पता चल जाएगा।

आरटीओ में भी हुआ है खेल

रोडवेज की हर बस की फिटनेस की जांच आरटीओ में होती है। इस बस की भी फिटनेस जांच हुई होगी तो आखिर किसने इसका फिटनेस पास किया होगा ये सोचने की बात है। ये भी हो सकता है कि इस बस का फिटनेस भी ना कराया गया हो। ये उसी तरह खटारा हालत में रोड पर फर्राटा भर रही है।

48 घंटे से सड़क पर ड्राइवर व कंडक्टर

हालत ये है कि बस खराब होने के बाद ड्राइवर और कंडक्टर ने बनारस परिवहन निगम में कई बार मदद मांगी लेकिन वहां से 48 घंटे बाद भी उन्हें मदद नहीं मिल पाई है। यही नहीं गोरखपुर रीजन से भी जिम्मेदारों ने इस बस की कोई खोज खबर नहीं ली है।

फैक्ट फिगर

बस का नंबर- यूपी 65-बीटी 2623

बस में पैसेंजर्स की संख्या- 44

बनारस से सोनौली का किराया- 335 रुपए

बनारस से गोरखपुर का किराया- 215

बनारस से सोनौली की दूरी- 320

बस में सीट की संख्या- 52

एक दिन की कमाई- 20-25 हजार रुपए

वर्जन

इसमें लापरवाही साफ दिख रही है। इसकी मैं शिकायत करूंगा। बस की प्रॉपर जांच करके ही डिपो से निकालना है तो फिर इतनी बड़ी मिस्टेक कैसे हो गई।

डीवी सिंह, आरएम

Posted By: Inextlive