12,382 कुल बसें

9672 निगम की बसें

2690 अनुबंधित बसें

100 वॉल्वो और स्कैनिया

160 शताब्दी बसें

367 एसी जनरथ बसें

50 पिंक बसें

- आए दिन हादसों का शिकार हो रही हैं रोडवेज बसें

- सुरक्षित मानी जाने वाली वॉल्वो और स्कैनिया से भी हो रहे हादसे

LUCKNOW:

सुरक्षित सफर का दम भरने वाली रोडवेज बसों का दम फूलता नजर आ रहा है। एक के बाद एक हो रहे हादसों से पैसेंजर्स को ये बसें अब डराने लगी हैं। सुरक्षित मानी जाने वाली वॉल्वो और स्कैनिया बसें भी हादसों का शिकार हो रही हैं। हादसे के बाद परिवहन निगम के अधिकारी ड्राइवर या फिर कोहरे को दोष देकर भविष्य में दुर्घटनाओं को रोकने का दावा करते हैं। इन्हीं दावों की पोल आगरा के पास फतेहाबाद में हुए बस हादसे से फिर खुल गई है।

बीच रास्ते खड़ा था ट्रक

आगरा एक्सप्रेस से वे होकर रोडवेज की स्कैनिया बस लखनऊ आ रही थी। बस में 40 से अधिक यात्री थे। फतेहाबाद के पास रोड पर एक खराब ट्रक के सामने आने से स्कैनिया के ड्राइवर ने इससे बचने के लिए तेजी से टर्न लिया और बस 35 फिट नीचे जा गिरी। इससे 7 लोगों को चोटे आई और 2 की मौत हो गई। परिवहन निगम के एमडी डॉ। राजशेखर ने बताया कि बीच सड़क पर खड़े ट्रक से बस की टक्कर को बचाने के लिए रोडवेज के चालक टर्न लिया था। बस को क्रेन से निकलवाया गया।

हादसे पर हादसे

- 25 मार्च 2017 को स्कैनिया बस आगरा एक्सप्रेस वे पर एक पोल से टकरा गई जिससे इसमें आग लग गई। इसमें मां-बेटी संग चार लोगों की मौत हो गई।

- 8 जुलाई 2017 को आगरा के पास हुए रोडवेज बस एक्सीडेंट परिवहन निगम के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा हादसा बन कर सामने आया। इसमें 29 लोगों की मौत हो गई।

- 2017 में बरेली में रोडवेज बस को एक ट्रक ने टक्कर मारी। सुबह तकरीबन तीन बजे के लगभग यह हादसा हुआ। टक्कर से फ्यूल टैंक में आग लग गई और तकरीबन 25 लोग बस में जिंदा जल गए।

- 2016 में बांदा क्षेत्र में रोडवेज बस का एक्सीडेंट हुआ। इस हादसे में 14 लोग दुर्घटना का शिकार हो गए।

- 1985 में कानपुर में गंगा पुल से गुजर रही बस सीधे पुल से नीचे गिरी। इस हादसे में 62 लोगों की मौत हो गई।

इसे भी जानें

रेग्यूलर ड्राइवर -6039

रेग्यूलर कंडक्टर- 5181

संविदा ड्राइवर्स -14, 700

संविदा कंडक्टर-19,256

क्यों हो रहे हैं हादसे

कोहरे से विजिबिलटी न होने के कारण फ्लाइट्स और ट्रेनों का संचालन निरस्त कर दिया जाता है लेकिन रोडवेज बसों पर कोहरे का कोई असर नहीं होता है। ऑल वेदर बल्ब लगाकर रोडवेज बसों का संचालन जारी रहता है। बस संचालन से जुड़े अधिकारियों का मानना है फॉग लाइट लगाने के बाद घने कोहरे में अधिक दूर तक नहीं दिखाई देता है। ऐसे में कोहरे में बसों की स्पीड कम होनी चाहिए। विजिबिलटी कम होने पर रोडवेज ने कभी भी बसों का संचालन न तो निरस्त किया है, न ही टाइम शेडयूल में परिवर्तन किया है। कोहरे के दौरान एक्सीडेंट की आशंका अधिक हो जाती है।

हमारे यहां विजिबिलटी का कोई नियम नहीं है। साथ ही कोहरे के चलते अब तक बसों को निरस्त नहीं किया जाता है। ड्राइवरों को निर्देश दिया जाता है कि कोहरे के दौरान बेहद सतर्कता के साथ अपना सफर पूरा करें।

जयदीप वर्मा, सीजीएम टेक्निकल

Posted By: Inextlive