- जब ओके होगा हॉर्न, लाइट, टायर तभी डिपो से निकलेगी बस बाहर

- बस पर ड्यूटी लगाने से पहले ड्राइवर की बे्रथ एनलाइजर से होगी जांच

- गोरखपुर रीजन के आठों डिपो को मिलीं दो-दो ब्रेथ एनलाइजर मशीन

GORAKHPUR: टूटी खिड़कियां, खराब वाइपर, हॉर्न म्यूट, ब्रेक ऐसे कि बस गाड़ी रोक दें और टायर जो कहीं भी-कभी भी धोखा दे सकते हैं। इन सुविधाओं से लैस बसे अब तक सड़कों पर बिंदास फर्राटा भरा करती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे के बाद परिवहन विभाग सख्त हो गया है। आगे ऐसे हादसे फिर ना हों इसके लिए नए सख्त नियम भी बनाए गए हैं। जिसके तहत अब डिपो से बस निकलने के पहले 12 बिंदुओं पर अच्छी तरह उसकी जांच होगी। इस दौरान कोई भी कमी मिलने पर बस को सड़क पर ना भेजकर डिपो में खड़ा करवा दिया जाएगा। वहीं ड्राइवर को बस की चाभी पकड़ाने से पहले उसकी ब्रेथ एनलाइजर मशीन से जांच होगी। यही जांच प्रक्रिया बस लेकर लौटने पर ड्राइवर से चाभी लेते समय भी दोहराई जाएगी।

रास्ते में खराबी, तो एआरएम जिम्मेदार

गोरखपुर रीजन के सभी डिपो से 300 किमी से अधिक की दूरी को जाने वाली बसों को स्टेशन प्रभारी और एआरएम चेक करेंगे। इसके बाद एआरएम के सिग्नेचर से ही बस को हरी झंडी मिलेगी। आगे चलकर अगर बस में कोई प्रॉब्लम आती है तो इसके जिम्मेदार भी स्टेशन प्रभारी और एआरएम होंगे। डिपो से चेक होकर निकलने वाली बसों को अलग-अलग रोड पर परिवहन निगम की टीम भी चेक करेगी। इस दौरान कुछ भी गलत पाए जाने पर वे कार्रवाई भी करेंगे।

इन बिंदुओं पर होगी चेकिंग

- बस का हॉर्न बज रहा है कि नहीं

- टायर की कंडीशन ठीक है कि नहीं

- स्टेयरिंग और ब्रेक की जांच

- बस में अग्निशमन यंत्र मौजूद है कि नहीं

- बस की हेडलाइट, ब्रेक लाइट और बैक लाइट काम कर रही है कि नहीं

- बस में सभी शीशे लगे हैं कि नहीं

- सेल्फ स्टार्ट है कि नहीं

- स्पीड लिमिट डिवाइस काम कर रहा है कि नहीं

- बस का फिटनेस सही है कि नहीं

- बस की धुलाई और सफाई की गई है या नहीं

- फ‌र्स्ट एड किट अवेलबल है कि नहीं

- ग्लास ब्रेकिंग हथौड़ी है कि नहीं

बॉक्स

31 जुलाई तक दुरुस्त करनी हैं बसें

मुख्यालय से आदेश के तहत 31 जुलाई तक लंबी दूरी तक जाने वाली बसों की कंडीशन की जांच करके उन्हें हर हाल में दुरुस्त कराना है। दूसरे फेज में बाकी लोकल बसों को 15 अगस्त तक दुरुस्त कराने का फरमान आया है। इसमें डिपो इंचार्ज के जांच के बाद एआरएम को 25 प्रतिशत और आरएम व एसएम को 10 प्रतिशत बस की जांच करनी होगी।

गोरखपुर रीजन के हर डिपो को दो-दो ब्रेथ एनलाइजर मश्ीानें मिली हैं। इसके अलावा परिवहन निगम की तीन चेकिंग टीम को भी बे्रथ एनलाइजर मशीन दी गई हैं। अब बिना जांच के कोई बस नहीं चला सकेगा।

डीवी सिंह, आरएम

Posted By: Inextlive