- दून से लेकर हरिद्वार डीपो में जंग खा रही हैं मियाद पूरी कर चुकी बसें

- नीलामी न होने के कारण कबाड़ में हो रहीं तब्दील

देहरादून, परिवहन निगम की वर्कशॉप्स में मियाद पूरी कर चुकी बसें कबाड़ में तब्दील होती जा रही हैं, लेकिन इन्हें नीलाम नहीं किया जा रहा। कई बसों के तो इंजन तक चोरी हो गए हैं। रोडवेज के अफसर इन वाहनों का इंस्पेक्शन करने भी आते हैं, लेकिन इन्हें नीलाम नहीं किया जा रहा। ऐसे में रोडवेज को भारी नुकसान हो रहा है।

की जाती है नीलामी

दरअसल परिवहन निगम की बसों को मियाद पूरी करने के बाद वर्कशॉप में खड़ा कर दिया जाता है, इनका संचालन रोक दिया जाता है। इसके बाद इन्हें नीलाम करने की कार्यवाही की जाती है, जो सबसे ज्यादा बोली लगाता है उसे बच बेच दी जाती है। लेकिन, मियाद पूरी कर चुकी करीब 150 बसें न तो नीलाम की जा रही हैं, न इनकी देखरेख हो पा रही है। ऐसे में ये कबाड़ में तब्दील हो रही हैं और इनके पा‌र्ट्स भी चोरी हो रहे हैं।

कबाड़ बसों से दिक्कत

वर्कशॉप में कबाड़ बसों के रेले के चलते फिटनेस के लिए लाई जाने वाली बसों को पार्क होने की जगह ही नहीं मिल पा रही। ऐसे में ड्राइवर बेतरतीब तरीके से बसें खड़ी कर देते हैं और वर्कशॉप में असुविधा होती है।

निगम को नहीं मिल रहे खरीदार

निगम अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बसों को नीलाम किया जाना था। सही रेट तय न होने की वजह से नीलामी नहीं हो पा रही है। जिससे हरिद्वार और दून के वर्कशॉप में बसें कबाड़ होती जा रही है। कई बार ऑक्शन की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन ग्राहक नहीं मिले।

---------------

बसों की नीलामी को लेकर कई बार टेंडर किया गया है, लेकिन ग्राहकों को रेट समझ नहीं आ रहा है। जिससे नीलामी नहीं हो पा रही है।

बृजेश कुमार संत, एमडी, परिवहन निगम

Posted By: Inextlive