आई एक्सक्लूसिव

-रोडवेज कंडक्टर्स को हटाने की चल रही है तैयारी, प्राइवेट एजेंसी बनाएगी टिकट

-हेडक्वार्टर में खींच लिया गया है खाका, नई व्यवस्था जल्द होगी लागू

VARANASI

वह दिन दूर नहीं जब रोडवेज बसों में विभाग के कंडक्टर टिकट नहीं काटेंगे बल्कि एजेंसी के कंडक्टर टिकट बनाएंगे। रोडवेज विभाग को प्राइवेट एजेंसी के हाथों में सौंपने की तैयारी चल रही है। सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो इसी साल से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। हेडक्वार्टर में इसके लिए पूरा खाका खींचा जा चुका है। इलाहाबाद, कानपुर में यह व्यवस्था अंतिम चरण में है। घाटे में चल रहे रहे रोडवेज विभाग को उबारने लिए यह फैसला लिया गया है। रोडवेज को हर मंथ होने वाले मुनाफे का फिक्स अमाउंट जोड़ने के बाद एजेंसी को टेंडर जारी किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर यदि रोडवेज बनारस मंडल को एक मंथ में चार लाख रुपये का आय हो रहा है तो एजेंसी को पांच से छह लाख रुपये या इससे अधिक में टेंडर जारी किया जाएगा। इससे एक तो रोडवेज विभाग को बिना टेंशन हर मंथ फिक्स अमाउंट मिलता रहेगा और दूसरा यह कि कंडक्टर्स को किसी और काम में लगाकर स्टाफ की कमी भी पूरी कर ली जाएगी। फिलहाल अभी बनारस से लखनऊ तक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारियों के बीच मंथन जारी है।

बढ़ेगा अनुबंधित बसों का बेड़ा

यात्रियों को पग-पग पर बेहतर सुविधाएं मिले। इसके लिए रोडवेज योजना तेजी से बना रहा है। इसी के तहत सिटी सर्विसेज में बसों का बेड़ा बढ़ाए जाने की योजना पर अंतिम मुहर लग गई है। सिटी सर्विसेज में अनुबंधित बसों को जोड़ा जाएगा। कम सीटर वाली एसी और नॉन एसी बसों को प्रमुखता दी जाएगी।

कर्मचारी नेताओं में खलबली

प्राइवेट हाथों में रोडवेज विभाग की कमान सौंपे जाने की सुगबुगाहट पर कर्मचारी नेताओं में खलबली मच गई है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक कर्मचारी नेता ने दावा किया कि प्राइवेट एजेंसी का विरोध किया जाएगा। अभी से ही रणनीति बनने लगी है।

हेडक्वार्टर ने डिसीजन लिया है। एजेंसी को टेंडर जारी किया जाएगा। कानपुर, इलाहाबाद में तो पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। यहां भी बहुत जल्द यह व्यवस्था लागू होगी।

पीके तिवारी, आरएम

कैंट रोडवेज बस स्टेशन

एक नजर

8

डिपो हैं बनारस डिवीजन में

546

बसों का होता है संचालन

35

एसी बस

130

अनुबंधित बस

130

सिटी ट्रांसपोर्ट की बसेज

5000

से अधिक हैं ड्राइवर्स-कंडक्टर्स

Posted By: Inextlive