रोहित शेट्टी बॉलीवुड के सफल एक्शन डायरेक्टर में गिने जाते हैं। एक्शन के अलावा उन्होंने कॉमेडी फिल्में बनाने में भी अपना हाथ आजमाया और सफल रहे। उनका जन्म मुंबई में 14 मार्च 1973 को हुआ था। रोहित के पिता एम बी शेट्टी एक्टर और स्टंटमैन थे। रोहित की माता रत्ना शेट्टी जूनियर आर्टिस्ट थीं। जब रोहित 6 साल के थे उसी दौरान उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद रोहित को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।


यहां से जगी स्टंटमैन बनने की इच्छारोहित का स्कूल, कलीना के सेंट मैरी में स्थित था। वो रोज सुबह 6 बजे की ट्रेन में सवार होकर अपने स्कूल के लिए निकलते थे। इस दौरान रोज वो दो बार ट्रेन चेंज कर अपनी स्कूल बस तक पहुंचते थे जो उनको स्कूल ले जाती थी। उस समय उनकी उम्र बहुत छोटी थी। रोहित की जिंदगी का सबसे खुशनुमा पल अमिताभ बच्चन के साथ बोल बच्चन में काम करना थ और रोहित उन्हें भगवान की तरह मानते हैं। जब लोग रोहित के साथ काम देते थे न
रोहित का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगा। उन्होंने कॉलेज जाना मुनासिब नहीं समझा। रोहित को फिल्मों में दिलचस्पी थी और वो डायरेक्टरों से मिलकर फिल्मों में काम मांगने लगे। काफी मशक्कत के बाद उन्हें फिल्म फूल और कांटे में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने का मौका मिला। इसके लिए उन्हें कुल 35 रुपए मिले थे। फिल्म जमीन के फ्लॉप होने के बाद कोई भी उनके साथ काम करना नहीं चाहता था। काफी समय तक ये सिलसिला चला। इसके बाद अजय देवगन ने रोहित के साथ फिल्म गोलमाल में काम करने के लिए हामी भरी। आगे इतिहास गवाह है। गोलमाल रिटर्न्स को पसंद नहीं करते


बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्म गोलमाल में तुषार कपूर के रोल के लिए रोहित शेट्टी की पहली पसंद डीनो मोरिया थे। फिल्म के इस करेक्टर का कोई डायलॉग नहीं था जिस वजह से डीनो ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया। इसके बाद ये रोल तुषार कपूर को मिला। रोहित शेट्टी अपनी फिल्म गोलमाल रिटर्न्स को पसंद नहीं करते पर इसी के दूसरे भाग गोलमाल 3 को एक लैंडमार्क के जैसा मानते हैं। गोलमाल 3 को शाहरुख खान ने काफी पसंद किया था और यह फिल्म देखने के बाद उन्होंने रोहित के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की थी।

Posted By: Vandana Sharma