- शहरवासियों की सेहत के साथ हो रहा खिलवाड़

- गंदगी के चलते शहर में महामारी फैलने की आशंका

- नहीं किया गया कूड़ा निस्तारण का वैकल्पिक इंतजाम

Meerut: महानगर की सड़के कूड़ा करकट व गंदगी से ढकी हुई हैं, सीवेज चौक होने से नालियां लबालब हो रही हैं, प्रत्येक चौराहों पर लटके कुत्ते और बिल्लियों के शव शहर की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं। इनसे उठने वाली दम घोटू दुर्गध ने शहर की आबोहवा में शहद घोल दिया है। ये तस्वीर किसी अन्य शहर की नहीं बल्कि अपने हरे-भरे और साफ स्वच्छ मेरठ की है। नगर निगम कर्मचारियों की मनमानी और प्रशासन की लापरवाही की वजह से आज महानगर 'जैविक बम' पर बैठ गया है। शहर के वर्तमान हालात इतने खराब हैं कि निकट भविष्य में आने वाले इसके परिणामों का भान हो जाता है। ऐसा केवल इसलिए नहीं है कि वेतन वृद्धि न होने से गुस्साए निगम सफाई कर्मी शहर में गंदगी फैला रहे हैं, बल्कि ऐसा इसलिए अधिक है कि प्रशासन की और से इसको रोकने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

सेहत से खिलवाड़

गंदगी से अटे पड़ा शहर महामारी की कगार पर है। रोजाना की गंदगी से दो-चार हो रहे शहरवासियों को यह अंदाजा भी नहीं होगा कि यह गंदगी आने वाले समय में कितनी बड़ी मुसीबत खड़ी कर देती है। विशेषज्ञों की मानें तो इस समय शहर जैविक बम पर बैठा है। गंदगी से उठने वाली जहरीली गैस और जानवरों के शवों से निकले वाले बैक्टीरिया आने वाले समय में बीमारियों की बाढ़ ला सकते हैं।

मीथेन और एचटूएस

डॉक्टरों की मानें तो गंदगी से निकलने वाली मीथेन और एचटूएस (हाइट्रोजन सल्फाइड) गैस लांग टर्म बीमारियों को बढ़ावा दे सकती है। इन गैसों से एस्थामा, पीलिया, डायरिया व हैजा, नर्वस डिसआर्डर, जी मिचलाना, घबराहट जैसी घातक बीमारियां होने का अधिक खतरा बना हुआ है। जबकि इससे शहर के वातावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के परिणाम दूरगामी होंगे।

वैकल्पिक व्यवस्था शून्य

चार दिन पूर्व शुरू हुई निगम संविदा सफाई कर्मियों की हड़ताल के बावजूद भी नगर निगम व प्रशासन की ओर से सफाई व्यवस्था का कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया गया। वैकल्पिक व्यवस्था तो दूर निगम की ओर से गंदगी से निकले वाले वैक्टीरिया आदि के दमन के लिए चूना या एंटी वैक्टीरियल आदि दवाओं का छिड़काव भी नहीं किया गया।

जिम्मेदार कौन --

शहर के वर्तमान हालात को देखते हुए निकट भविष्य का अंदाजा लग रहा है। लेकिन इस बीच जो सवाल सबके दिमाग में खटक रहा है, वो यह कि कल यदि शहर बीमारियों की जद में आ जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।

गंदगी शहर की सेहत के लिए बहुत खतरनाक है। इससे उठने वाली गंध स्कीन प्रॉब्लम से लेकर गंभीर बीमारियों को दावत दे सकती है।

-डॉ। आरके सोनी, विशेषज्ञ

गंदगी से उठने वाली गैसे से पीलिया, डायरिया व नर्वस बे्रक डाउन जैसी बीमारियां लग सकती है। यदि जल्द ही गंदगी को नहीं हटाया गया तो खतरनाक स्थिति बन सकती है।

-डॉ। रजनीश भारद्वाज

Posted By: Inextlive