बगैर प्लानिंग के रूट डायवर्जन से हर रूट पर चार से छह घंटे तक बंधक बन रही है पब्लिक

धारा 339, 340 और 341 के अनुसार किसी व्यक्ति, नगर का रास्ता रोकना व अवरोध उत्पन्न करना है अपराध

कानपुर रोड, ओल्ड जीटी रोड, फाफामऊ, नैनी और झूंसी रोड पर हर रोज लग रहा भीषण जाम

ALLAHABAD: डेवलपमेंट वर्क कराना जरूरी है, लेकिन इसके लिए शहर की लाखों पब्लिक को पर डे कई-कई घंटे के लिए रोड पर बंधक बनने के लिए मजबूर करना, जाम के झाम में धकेलना और रास्ता अवरूद्ध करना कितना उचित है? यदि ऐसा हो रहा है तो फिर इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर कौन करवाएगा? आईपीसी की धारा 338, 339, 340 और 341 के तहत किसी सार्वजनिक रास्ते को बंद करना, अवरोध उत्पन्न करना अपराध है। यहां एक-दो व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा का पूरा शहर कई-कई घंटों के लिए बंधक बन रहा है। इसके बाद भी एडमिनिस्ट्रेशन मौन है।

जाम फ्री नहीं बची कोई भी रोड

वर्तमान में शहर की कोई भी रोड जाम फ्री नहीं बची है। चाहे वह कानपुर की ओर जाने वाली चौफटका धूमनगंज रोड हो, चौफटका पुल होते हुए सुलेमसराय की ओर जाने वाली ओल्ड जीटी रोड हो, लखनऊ जाने वाली तेलियरगंज फाफामऊ रोड हो, वाराणसी की तरफ जाने वाली झूंसी रोड हो या फिर मिर्जापुर और रीवां की तरफ जाने वाली नैनी रोड।

शहर ही नहीं हाईवे भी है जाम

कानपुर रोड पर करियप्पा गेट से लेकर इलाहाबाद बैंक तक हाईकोर्ट फ्लाईओवर निर्माण के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट द्वारा एक महीने के लिए कॉमर्शियल वाहनों के साथ ही ट्रकों की इंट्री करीब 20 दिन पहले से ही बंद कर दी गई है। इन्हें कोखराज हाईवे की तरफ डायवर्ट किया गया है। वहीं अब पानी टंकी चौराहा का रास्ता पूरी तरह से बंद किए जाने से कानपुर व दिल्ली से आने वाली सभी बसों को भी कोखराज बाईपास से फाफामऊ, नवाबगंज होते हुए इलाहाबाद लाया जा रहा है। इसकी वजह से पूरा ट्रैफिक सिस्टम ही ध्वस्त हो गया है।

विभागों ने मिल कर नहीं बनाया प्लान

शहर में पानी टंकी चौक से कानपुर रोड बंद होने से सप्लाई डिपो वाली रोड, ओल्ड जीटी रोड पर ट्रैफिक लोड आ गया है, इस लोड को एडमिनिस्ट्रेशन कंट्रोल नहीं कर पा रहा है। क्योंकि ट्रैफिक कंट्रोल की कोई प्लानिंग ही नहीं है। जिस ओल्ड जीटी रोड पर छोटी गाड़ी निकलने से जाम लग जाता है, उस रोड पर बस और ट्रक जाएगी तो जाम की क्या स्थिति होगी, ये बताने की जरूरत नहीं है।

जाम की वजह से क्या-क्या दिक्कतें

- जगह-जगह जाम से लोग दफ्तर पहुंचने में लेट हो गए

- आठ बजे खुलने थे स्कूल दस बजे तक बच्चे और टीचर्स नहीं पहुंच सके

- सप्लाई डिपो वाली रोड पर जाम में एक से दो घंटे तक फंसे रहे लोग

- ओल्ड जीटी रोड भी पूरी तरह से रहा ब्लॉक

- ट्रीटमेंट के लिए सिविल लाइंस की तरफ आने वाले बीमार लोगों को हुई सबसे ज्यादा दिक्कत

क्या कहता है कानून

धारा 338-

ऐसे कार्य द्वारा घोर उपहरित करना जिससे दूसरों का जीवन या वैयक्तिक क्षेम संकटापत्र हो जाए, जिससे मानव जीवन प्रभावित हो, ऐसी स्थिति में कारावास, जिसकी अवधि दो वर्ष तक हो सकेगी या एक हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया जाएगा।

धारा 339-

जो कोई किसी व्यक्ति को स्वेच्छया ऐसा बाधा डालता है कि उस व्यक्ति को उस दिशा में, जिसमें उस व्यक्ति को जाने का अधिकार है, जाने से निवारित कर दे, वह उस व्यक्ति का सदोष अवरोध करता है।

धारा 340-

जो कोई किसी व्यक्ति का इस प्रकार सदोष अवरोध करता है कि उस व्यक्ति को निश्चित परिसीमा से परे जाने से निवारित कर दे, वह उस व्यक्ति का सदोष परिरोध करता है, यह कहा जाता है।

या फिर

किसी दीवार से घिरे स्थान में प्रवेश कराकर उसमें ताला लगा देता है, इस प्रकार दीवार की परिसीमा से परे किसी भी दिशा में नहीं जा सकता तो सदोष परिरोध किया है।

धारा 341-

जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष अवरोध करेगा, वह सादा कारावास से जिसकी अवधि एक मास तक की हो सकेगी या 500 रुपये जुर्माने या फिर कारावास और जुर्माना दोनों से दंडित किया जा सकेगा।

कैबिनेट मंत्री नंदी ने ट्वीट का नहीं दिया जवाब

पूरा शहर जाम का झाम झेल रहा है। लेकिन शहर दक्षिणी के विधायक व कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इस समस्या से अनजान बने हुए हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने बुधवार दोपहर करीब तीन बजे कैबिनेट मंत्री को ट्वीट किया। उन्हें बताया गया कि मंत्री जी, इन दिनों आपके इलाहाबाद शहर की पब्लिक ओल्ड जीटी रोड, फाफामऊ, झूंसी, सुलेमसराय और नैनी रोड पर प्रति दिन चार से पांच घंटे के लिए बंधक बन रही है। एडमिनिस्ट्रेशन ट्रैफिक मैनेजमेंट में पूरी तरह फेल है, आपका क्या कहना है? ट्वीट दोपहर में किया गया, लेकिन जवाब शाम साढ़े सात बजे तक नहीं आया था। जबकि इस बीच कैबिनेट मंत्री के ट्वीटर हैंडल से अन्य कई ट्वीट किए गए।

Posted By: Inextlive