भारत के तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले लिया। बाएं हाथ के इस पेसर ने टि्वटर पर एक भावुक मैसेज के साथ मंगलवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया। आइए जानें आरपी सिंह के क्रिकेट सफर के बारे में...


कानपुर। 13 साल लंबे क्रिकेटिंग करियर के बाद आखिरकार तेज भारतीय गेंदबाज आरपी सिंह ने क्रिकेट को बॉय-बॉय बोल दिया। सिंह ने मंगलवार को अपने अफिशल टि्वटर अकाउंट पर एक भावुक मैसेज के साथ क्रिकेट को अलविदा कहा। इस दौरान आरपी ने उन सभी लोगों को याद किया जिन्होंने उनका हमेशा सपोर्ट किया। यहां तक कि आरपी अपने साथी खिलाड़ियों को भी धन्यवाद देना नहीं भूले। आपको बता दें आरपी सिंह जितने क्रिकेटरों के साथ खेले उसमें उनके सबसे ज्यादा करीबी सुरेश रैना और एमएस धोनी रहे। साल 2007 वर्ल्ड कप फाइनल में धोनी को वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले आरपी सिंह ही थे।धोनी की अगुआई में खेला मैच


आरपी सिंह ने टीम इंडिया में उस वक्त एंट्री मारी जब टीम में गांगुली, लक्ष्मण और द्रविड़ जैसे दिग्गजों की जगह नए चेहरे टीम में शामिल होने जा रहे थे। इस बीच आईसीसी ने पहली बार टी-20 वर्ल्ड कप आयोजित करवाया। इस फटाफट क्रिकेट फॉर्मेट में युवा जोश की जरूरत थी ऐसे में भारत की कमान नए-नवेले एमएस धोनी को सौंपी गई। धोनी की अगुआई में टीम इंडिया पहला टी-20 वर्ल्ड कप खेलने साउथ अफ्रीका गई। अब कप्तान नया था तो टीम भी नई थी, इस टीम में आरपी सिंह भी थे। ग्रुप स्टेज में भारत लगातार अच्छा प्रदर्शन करके फाइनल में पहुंच गया। फाइनल में भारत का सामना चिर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान से हुआ। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, भारत ने पहले खेलते हुए पाक को जीत के लिए 158 रन का लक्ष्य दिया।2007 वर्ल्ड कप फाइनल में लिए तीन विकेटउस वक्त यह लक्ष्य आसान नहीं माना जाता था। मगर पाकिस्तान के लिए इसे और मुश्किल बना दिया आरपी सिंह ने। 26 रन के स्कोर पर पाक के दो विकेट गिर गए थे और यह दोनों शिकार आरपी सिंह ने किए। आरपी ने ओपनर बल्लेबाज मोहम्मद हफीज को 1 रन और फिर कामरान अकमल को जीरो रन पर चलता किया। बस यहीं से पाक बल्लेबाजों के ऊपर दबाव आ गया और वह लक्ष्य का पीछा करने में नाकाम रहे। यह मैच भारत ने 5 रन से जीत लिया था। आरपी सिंह ने 4 ओवर में 26 रन देकर 3 विकेट चटकाए, हालांकि वह मैन ऑफ द मैच तो नहीं बन पाए मगर धोनी के 2007 वर्ल्ड कप जीतने के सपने को साकार करने में आरपी का अहम योगदान रहा।ऐसा रहा उनका क्रिकेट करियर

इस जीत के बाद एमएस धोनी और आरपी काफी अच्छे दोस्त बन गए। आरपी ने अपने पूरे करियर में 14 टेस्ट में 40 विकेट अपने नाम किए वहीं 58 वनडे खेलकर उन्होंने 69 विकेट चटकाए। टी-20 इंटरनेशनल करियर की बात करें तो इस तेज गेंदबाज के नाम 10 मैचों में 15 विकेट दर्ज हैं। करीब 7 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेल रहे आरपी ने पहले उत्तर प्रदेश और फिर गुजरात की तरफ से फर्स्ट क्लॉस क्रिकेट खेला। उनके नाम 94 मैचों में 301 विकेट दर्ज हैं।अब तक की सबसे कमजोर इंग्लिश टीम को भी नहीं हरा पाए विराटक्रिकेट की दुनिया के सबसे अनोखे गुरु, फुटबॉल की तरह सिखाते थे क्रिकेट खेलना

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari