बॉडी वार्न कैमरे से लैस होगा आरपीएफ का एस्कॉर्ट
- पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू होगा काम
- अपराधिक गतिविधियों पर लग सकेगी रोक - प्रोजेक्ट अन्तिम चरण में - ट्रेनों में आपराधिक गतिविधियों की होगी समीक्षा आगरा. अब ट्रेनों में चलने वाला आरपीएफ रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स का एस्कॉर्ट बॉडी वार्न कैमरों से लैस होगा. आरपीएफ के सुरक्षा दस्ते के हर सिपाही के पास बॉडी वार्न कैमरे होने से हर प्रकार की गतिविधि कैमरे में कैद हो सकेगी. इसको रिकॉर्ड किया जा सकेगा. रेलवे का यह प्रोजेक्ट अन्तिम स्टेज पर है. मंडल स्तर से एप्रूवल हो चुका है. आरपीएफ के वरिष्ठ अफसर की मानें तो जल्द ही एस्कॉर्ट के जवान बॉडी वार्न कैमरे से लैस होंगे. ट्रेनों में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर कसा जा सकेगा शिकंजाआरपीएफ के एस्कॉर्ट को बोडी वोर्न कैमरे मिल जाने से ट्रेनों में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर शिकंजा कसा जा सकेगा. संदिग्ध लोगों की हर गतिविधि कैमरे में रिकॉर्ड हो जाएगी. इस कैमरे में एक महीने तक रिकॉर्डिग को सुरक्षित रखा जा सकेगा. रेलवे की इस नई कवायद से ट्रेनों में होने वाले अपराध पर भी रोक लगेगी, साथ ही ट्रेनों में पैसेंजर्स के साथ होने अभद्रता को भी रोका जा सकेगा. आरपीएफ के जवान चाहकर भी कैमरों को बंद नहीं कर पाएंगे. इस बारे में आगरा मंडल के शीर्ष स्तर के अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड की ओर से प्रपोजल था. उसके निर्देश पर स्थानीय मंडल स्तर पर इस प्रपोजल को एप्रूव कर भेज दिया गया है. इसमें कितना खर्चा आएगा, इस पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा बॉडी वार्न कैमरे स्टेशन, प्लेटफॉर्म और रेलवे परिसर में तैनात जवानों को भी दिए जाएंगे.
आगरा मंडल की 30 ट्रेनों में चलता है आरपीएफ का एस्कॉर्ट आगरा से झांसी-दिल्ली की ओर वाली 30 ट्रेनों में आरपीएफ का एस्कॉर्ट चलता है. आपको बता दें कि इस ट्रैक पर रात के समय 32 ट्रेनें पास होती हैं. वैसे आगरा कैंट से झांसी-दिल्ली के लिए 76 ट्रेनें दौड़ती हैं, जिसमें 12 एलएचबी कोच, दो राजधानी एक्सप्रेस, एक शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं. ये होगा लाभ - ट्रेनों में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी. -अक्सर ट्रेनों में चलने वाले सुरक्षा दस्ते पर पैसेंजर्स द्वारा वसूली का आरोप लगाया जाता है. -वसूली की गतिविधि कैमरे में रिकॉर्ड हो सकेगी. -ट्रेनों में बिना टिकट के सफर करने वाले संदिग्धों पर नजर रहेगी. -बॉर्डी वार्न कैमरा सिपाही के चेस्ट पर लगा होगा इन मामलों पर ली जा सकेगी आरपीएफ की मदद-ट्रेन में कोई संदिग्ध वस्तु या सामान दिखाई देने पर
- किन्नरों द्वारा जबदस्ती पैसेंजर्स से वसूली किए जाने पर - ट्रेन में ट्रेवल्स के दौरान पैसेंजर्स में आपसी मारपीट - अवैध वेंडर के सबंध में - महिला की सीट पर पुरुष पैसेंजर्स द्वारा कब्जा किए जाने के बारे में - बार-बार चेन पुलिंग के बारे में - किसी प्रकार की आपराधिक वारदात के बारे में कुंभ मेला के समय किया गया था ट्रायल आरपीएफ के सुरक्षा दस्ते को बॉडी वोर्न कैमरे का ट्रायल कुंभ मेले के समय किया गया गया था. इस दौरान 12 दस्तों को बॉडी वोर्न कैमरे दिए गए थे. इनको एसी कोच वाली ट्रेनों में तैनात किया गया था. इलाहाबाद जोन के आरपीएफ आईजी एसएन पाण्डेय के नेतृत्व में इनका प्रयोग सफल रहा. इसी को ध्यान में रखते हुए इस प्रोजेक्ट को अन्य मंडलों में भी लागू किया जा रहा है. ट्रेनों का लिया जाएगा फीडबैकबॉर्डी वोर्न कैमरे से लैस आरपीएफ के एस्कॉर्ट को तैनात करने से पहले ट्रेनों का फीडबैक लिया जाएगा. किस ट्रेन में कितनी आपराधिक घटनाएं हुई हैं. जो ट्रेनें संवेदनशील होगीं, उनको प्राथमिकता दी जाएगी. इस बारे में आगरा मंडल के आरपीएफ के चीफ कमांडेट ने बताया कि इनकी तैनाती से पहले ट्रेनों की पास्ट हिस्ट्री ली जाएगी.
आरपीएफ के एस्कॉर्ट को बॉडी वोर्न कैमरों से लैस किया जाएगा. इसके लिए मंडल स्तर पर एप्रूवल हो चुका है. तीन स्तर पर एप्रूवल होता है. इनके लिए पहले रणनीति बनाई जाएगी. महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाएगा. पहले संवेदनशील ट्रेनों को प्राथमिकता दी जाएगी. अपूर्व अग्निहोत्री, चीफ कमांडेट आरपीएफ आगरा रेल मंडल