आरआरआर लेकर आती है एक शानदार कहानी जो कि न सिर्फ देशभक्ति की परिभाषा दिखाती है बल्कि भाई चारे का भी पाठ पढ़ाती है। फिल्म में विजुअल एक्सपीरियंस तो हैं ही शानदार अभिनय और एक अच्छा मेसेज भी है कि क्यों आजादी और उसके संघर्ष की कहानियां परदे पर आती रहनी चाहिए। पढ़ें पूरा रिव्यू

फिल्म : आरआरआर
कलाकार : रामचरण, जूनियर एनटीआर, आलिया भट्ट, अजय देवगन, श्रिया शरण
निर्देशक : एसएस राजामौली
रेटिंग : 3.5 स्टार्स

क्या है कहानी
कहानी राम ( रामचरण) और भीम ( जूनियर एनटीआर) की है। राम एक क्रांतिकारी का बेटा है और उसके पिताजी ने उससे वचन लिया है कि वह आजादी की लड़ाई को थमने नहीं देगा। वह एक बड़े मकसद से अंग्रेजी फ़ौज में शामिल होता है। वहीं दूसरी तरह भीम एक आदिवासी है, जिसके जंगल के समुदाय से एक छोटी बच्ची को बंधक बना कर, अंग्रेज अधिकारी ले जाते हैं और उस पर जुल्म करते हैं, ऐसे में भीम कसम खाता है कि वह उसे बचा कर रहेगा और इस तरह राम और भीम दोनों एक संयोग से टकराते हैं, फिर कैसे यह दोस्ती, देशभक्ति की कहानी और भाईचारे में बदलती है, यही फिल्म का पूरा सार है।

क्या है अच्छा
यह कहानी विजुअल एक्सपीरियंस के लिए देखी जानी चाहिए, फिल्म में एक से बढ़ कर एक एक्शन दृश्य हैं, जो बेहद कमाल के हैं, इस फिल्म को बड़े स्क्रीन पर ही देखने का अपना मजा है, जिसे मिस नहीं किया जाना चाहिए, साथ ही दोनों ने कलाकारों ने जो नाचो नाचो पर डांस किया है, वह कमाल का है। फिल्म एक विजुअल ट्रीट है, आजादी, भाईचारे, धर्म निरपेक्षता और जंगल, जल जमीन के महत्व को समझाती है। रामायण का भी संदर्भ अच्छा है।

क्या है बुरा
आलिया भट्ट के साथ उन्होंने न्याय नहीं किया है, उनके किरदार को यूं ही फिल्म में शोपीस बना दिया गया है, जबकि उनके किरदार पर काम करने की गुंजाईश थी। फिल्म की कहानी में लेयर्स नहीं हैं, बहुत रिपिटेशन हैं।

अभिनय
फिल्म में जूनियर एनटीआर और रामचरण ने शानदार एक्शन किया है, वह सारे दृश्य में विश्वसनीय लगते हैं, वहीं उनके डांसिंग स्किल्स भी कमाल के हैं, लार्जर देन लाइफ होने के बाद भी एक संग्रामी का किरदार दोनों ने अच्छा निभाया है। अजय तो कम देर के लिए ही आते हैं, लेकिन प्रभाव छोड़ते हैं, आलिया के लिए खास कुछ नहीं था फिल्म में, श्रिया शरण को भी वेस्ट किया गया है।

वर्डिक्ट
विजुअल एक्सपेरियंस करने के लिए तो एक बार दर्शक फिल्म देखना पसंद करेंगे। खासतौर से बाहुबली के फैंस रहे दर्शक।

Review by - Divya Shrivastava

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari