- 3450 आरटीआई सबसे अधिक अलोपीबाग के पार्षद कमलेश सिंह ने दाखिल किया है

- 2005 में आरटीआई का कानून आया

- शहर को कई सुविधाओं और योजनाओं की दी सौगात

PRAYAGRAJ: 2005 में आरटीआई का कानून आया और एक शख्स ने 2006 से इस कानूनी अधिकार को समाजसेवा का अधिकार बना लिया। उन्होंने एक के बाद एक आरटीआई दाखिल कर शहर को कई सौगात दी। जिनमें जेएनएनयूआरएम, गंगा स्वच्छता, महायोजना समिति के गठन सहित कई उपलब्धियों में उनका अहम योगदान रहा है। अभी भी वह कई महत्वपूर्ण मामलों पर आरटीआई दाखिल करने की योजना बना रहे हैं।

इतिहास लिखकर लेंगे दम

यह शख्सियत अलोपीबाग के पार्षद कमलेश सिंह हैं, जिनकी गिनती शहर के विख्यात समाजसेवियों में भी होती है। उन्होंने अभी तक 3450 आरटीआई दाखिल की हैं। वह 2006 से लगातार इस क्षेत्र में कार्य करते आ रहे हैं। यही कारण है कि कई विभाग केवल उनका नाम सुनकर ही सच बोलना शुरू कर देते हैं। वह कहते हैं कि लोगों को उनका हक दिलाने का यह सबसे अहम साधन है। आरटीआई फाइल करने के बाद मिलने वाली जानकारी के आधार पर बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।

इनकी आरटीआई से हुए फायदे

1- 2006 में गवर्नर द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के बाद कमलेश सिंह ने आरटीआई से मिली सूचना का हवाला देकर इलाहाबाद को जेएनएनयूआरएम योजना दिए जाने की मांग की थी। उनका तर्क था दस लाख की आबादी होने के चलते शहर इस योजना का दावेदार है। इसके बाद ही शहर में सीवर और पेयजल की व्यवस्था में सुधार हुआ। इससे गंगा स्वच्छता की दिशा में नए कदम उठाए जा सके।

2- नैनी ब्रिज की मियाद को लेकर आरटीआई भी कमलेश सिंह ने की थी। जिसमें पता चला कि इस पुल की मियाद खत्म हो चुकी है। रेलवे का कहना था कि अभी यह सौ साल और चलेगा।

3- कुंभ मेला 2013 में 10 फरवरी को रेलवे स्टेशन पर हुई घटना के बाद उन्होंने आगे बढ़कर आरटीआई फाइल की। जिसमें तमाम व्यवस्थाओं को लेकर सवाल किए गए थे। कमलेश सिंह का दावा है कि प्रयागराज मेला प्राधिकरण के गठन में उनकी आरटीआई का विशेष योगदान रहा है।

4- महायोजना समिति के गठन की मांग भी कमलेश सिंह ने की है। उनका कहना है कि आरटीआई से मिले तथ्य के आधार पर इस समिति की मांग की जा रही है। इसे जल्द लागू कराने के लिए उन्होंने कोर्ट के दरवाजे पर दस्तक भी दी है।

आरटीआई लोगों को उनका हक दिलाने का यह सबसे अहम साधन है। इससे मिलने वाली जानकारी के आधार पर बड़ी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।

कमलेश सिंह, पार्षद, अलोपीबाग

Posted By: Inextlive