-सिटी के विभिन्न एरिया में स्थित प्रदूषण जांच केंद्र के इक्वीपमेंट की रिपोर्ट में है झोल

-उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शुरू की उपकरण की जांच

VARANASI

वाहनों के प्रदूषण की जांच करने के लिए बनाए गए केंद्र धड़ाधड़ सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं। लेकिन स्थिति यह है कि उनके मशीनों की हालत खुद खराब है। वो प्रॉपर वाहनों की जांच नहीं कर पा रहे हैं। खास बात यह कि जब से नया मोटर व्हीकिल एक्ट लागू होने के बाद हर वाहन के पास मानक के अनुरूप प्रदूषण का सर्टिफिकेट होना ही चाहिए। मानक से रिलेटेड सर्टिफिकेट न होने पर वाहन चालक को 10 हजार रुपये का फाइन देना होगा। ऐसे में इन केंद्रों पर सर्टिफिकेट लेने वालों की लाइन लगी है।

सिटी में 15 प्रदूषण जांच केंद्र

आरटीओ ने सिटी में वाहनों की जांच के लिए 15 प्रदूषण केंद्र विभिन्न एरिया में बनाया है। जहां इस समय डेली अपने वाहनों की जांच के लिए लोगों की भीड़ रहती है। दूसरी ओर वाहनों की जिन उपकरणों से जांच की जा रही है, वे उपकरण सही तरीके से काम ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ये उपकरण वायु प्रदूषण को सही स्तर पर नाप रहे हैं या नहीं। या केवल खानापूर्ति कर सर्टिफिकेट पकड़ा दिया जा रहा है। हालांकि अभी तक उपकरणों की जांच नहीं की जाती थी, जिसका वो फायदा उठा रहे हैं। पर अब ऐसा नहीं होगा।

मांगी जाएगी उपकरणों की सूची

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक ऑफिसर डॉ। टीएन सिंह ने शनिवार को चौकाघाट स्थित एक पेट्रोल पंप के कैंपस में कार्य रहे प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र केंद्र की जांच की। उन्होंने केंद्र पर लगे इक्वीपमेंट्स की जांच की, उनके बनने का ईयर, क्या ये डीजल और पेट्रोल चलित वाहनों की सूक्ष्मता से जांच हो रही सहित अन्य टेक्निकल प्वाइंट्स को परखा। बताया कि जल्द ही विभाग सहित जांच केंद्रों को नोटिस जारी कर सारे उपकरणों की पूरी सूची मांगी जाएगी। साथ ही केंद्र पर काम करने वाला व्यक्ति क्या इस कार्य करने में दक्ष है या नहीं, यह भी बताना होगा।

Posted By: Inextlive