गार्ड पर प्रतिबंध, एक साल बीता, लेकिन एक भी चालान नहीं

एक्सपर्ट के अनुसार एक्सीडेंट के दौरान बंपर गार्ड से नही खुल रहे सेफ्टी बैलून

एक्सीडेंटल क्लेम के लिए नही हो रहा मान्य, चालान में जीरो आरटीओ विभाग

Meerut। गाडि़यों में लगे बंपर गार्ड को बैन हुए एक साल से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन अभी तक स्टाइलिश बुल बंपर गार्ड का शौक खत्म होने का नाम नही ले रहा है। परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते गाडि़यों में लगे ये गार्ड जानलेवा साबित होने के बाद भी गाडि़यों में प्रयोग हो रहे हैं। इसी का नतीजा है कि शहर की सड़कों पर बंपर गार्ड लगी गाडि़यां जमकर फर्राटा भर रही हैं। विभाग के आंकडों में बंपर गार्ड लगी गाडि़यों की चालान की संख्या अभी जीरो है जबकि आटो मोबाइल एक्सपर्ट के अनुसार बंपर गार्ड के कारण हादसे में मौत की संभावना शत प्रतिशत है।

नहीं खुलते एयर बैलून

आमतौर पर बंपर गार्ड को एक्सीडेंट के दौरान गाडी को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है। लेकिन आटो मोबाइल एक्सपर्ट के अनुसार यही बंपर वाहन चालक के लिए जानलेवा भी साबित हो रहा है। बुल गार्ड के कारण गाड़ी में लगे सेफ्टी फीचर या कहें कि एयर बैलून नही खुल पाते, जिस कारण से हादसा होने पर चालक समेत सवारी की जान जाने का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट की मानें बैलून सेंसर को 60 से 80 किमी प्रति घटा की रफ्तार की टक्कर के दौरान सेट किया जाता है। लेकिन बुल गार्ड इस रफ्तार को कम कर देता है। इस कारण से बुल गार्ड स्पोर्ट से टक्कर लगने के बाद गाड़ी की स्पीड़ कम हो जाती है और एयर बैग के सेंसर काम नही कर पाते ओर बैलून नही खुलते।

नहीं मिलता एक्सीडेंटल क्लेम

यदि आपकी कार में बुल गार्ड लगा हुआ है तो आपको इंश्योरेंस कंपनी द्वारा एक्सीडेंटल क्लेम भी नही मिलेगा। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गाडी में लगे बुल गार्ड को फिटनेस के दौरान अप्रूर्व नही किया जाता है। यदि गाड़ी में बुल गार्ड लगा हो तो उसे फिटनेस भी नही दी जाती ऐसे में में आरटीओ से अप्रवू ना होने के कारण यह इंश्योरेंस कंपनी द्वारा भी क्लेम के दौरान लिए मान्य नही होता। यानि अगर हादसा हुआ तो इंश्योरेंस कंपनी भी बुल गार्ड को दोषी मानेगी।

साल बीता पर कार्यवाही जीरो

वहीं यदि इस नियम की गंभीरता को जाने तो एक नियम लागू हुए एक साल से अधिक बीत चुका है। मिनस्ट्री आफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे ने गत वर्ष बुल गार्ड पर सख्त कार्यवाही का आदेश दिया था। उनके अनुसार गाडि़यों लगे बुल गार्डस मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के सेक्शन 52 का उल्लंघन माना गया है। लेकिन परिवहन विभाग का इस ओर ध्यान नही है इसी का नतीजा है कि ऑन रोड चेकिंग के दौरान साल भर में बुल गार्ड के लिए गाडि़यों के चालान का आंकड़ा शून्य है।

बुल गार्ड गाडि़यों में लगाना प्रतिबंधित है हम फिटनेस जांच के दौरान बुल गार्ड लगी गाडि़यों की फिटनेस अप्रूवल नही देते हैं। इससे गाड़ी के सेफ्टी फीचर काम नही करते हैं इसलिए गाइडलाइन के अनुसार यह बैन हैं।

सीएल निगम, आरआई

ऑन रोड चेकिंग कर बुल गार्ड के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। अभी भी चेकिंग में वाहन मालिक को चेतावनी दी जा रही है।

दिनेश कुमार, एआरटीओ प्रवर्तन

गार्ड के चार बड़े नुकसान

झटके की तीव्रता कम हो जाती है, जिससे सेफ्टी एयर बैलून नहीं खुल पाते

अगर गाड़ी में गार्ड लगा है तो इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलेगा।

गार्ड लगा होने के कारण सामने वाले को काफी अधिक नुकसान होता है।

गाड़ी में अगर गार्ड लगा है तो गाड़ी का चालान भी हो सकता है।

Posted By: Inextlive