रूची ने न्यूज फीड प्लैटफार्म और कान्टैक्ट्स जैसे वैल्युएबल फीचर्स फेसबुक में जोड़े जिसकी वजह से सोशल नेटवर्किंग करना आसान हो गया. फेसबुक को तमाम नए डायरेक्शन्श देनें में रूची का एक इंपार्टेंट रोल रहा.


अगर आपसे पूछें कि एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली फीमेल कौन थी या अन्तरिक्ष पर जाने वाली पहली महिला एस्ट्रोनाट कौन थी या फर्स्ट फीमेल पायलट कौन थीं तो आप किसी जीके बुक की मदद से या छोटी सी गूगल सर्च के बाद आसानी से ये सारे नाम बता देंगे. इनमें से अधिकतर के नाम आपने कभी न कभी जरूर ही सुने होंगे. चलिये हम आपको एक ऐसे फैक्ट से भी रूबरू कराए देते हैं जिसे शायद अभी किसी कोर्स बुक में ऐड नहीं किया गया होगा. यह फैक्ट है दुनिया की सबसे पापुलर सोशल नेटवर्किंग साइट 'फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर' के बारे में.


फेसबुक में काम करने वाली पहली फीमेल इंजीनियर का नाम है रूचि सांघवी. पूना की रहने वाली रुचि के नाम है फेसबुक की पहली फीमेल इंजीनियर बनने का रिकार्ड. 2005 में कंपनी ज्वाइन करते वक्त ही यह रिकार्ड उनके नाम हो गया था पर 5 सालों के उनके बेहद वैल्युएबल वर्क ने इस रिकार्ड के अलावा भी उन्हे कंपनी में एक अलग रिकग्निशन दिलाई. रूचि ने इस दौरान फेसबुक को ढ़ेर सारे नए और इंटरैक्टिव फीचर्स से लैस किया.

रूचि ने जब फेसबुक को बतौर इंजीनियर ज्वाइन किया था तब यह एक बड़ा ब्रान्ड नहीं थी. लोगों के बीच इसकी पापुलैरिटी बढ़ाने और फिर बाद में गूगल को टक्कर देने के वक्त रूचि कंपनी के साथ रही. रूचि ने न्यूज फीड, प्लैटफार्म और कान्टैक्ट्स जैसे वैल्युएबल फीचर्स फेसबुक में जोड़े और जिसकी वजह से सोशल नेटवर्किंग करना आसान हो गया. फेसबुक को तमाम नए डायरेक्शन्श देनें में रूचि का एक इंपार्टेंट रोल रहा.रूचि बताती हैं कि नौकरी के वक्त अपने इंजीनियर कलीग्स के बीच सिंगल फीमेल होना काफी अनकंफर्टेबल था. पूरे स्टाफ में केवल कुछ ही फीमेल कलीग्स थीं पर वे भी दूसरी जिम्मेदारियां संभाल रही थीं. इंजीनियरिंग को वहां केवल लड़कों का काम माना जाता था. वहां काम कर रहे मेल कलीग्स ने एक ‘ब्रोग्रामिंग’ पेज बना रखा था जिसका मतलब था ब्रो (मेल्स) जो कि प्रोग्रामिंग करते हैं. रूचि ने वहां की ऐग्रेसिव वर्किंग स्टाइल में खुद को ढ़ाल लिया. रूचि के मुताबिक ब्वाएज क्लब को ओवररूल करना एक मुश्किल काम था पर सपोर्टिव ऐटमास्फिअर ने इसमें उनकी काफी मदद की.

रूचि ने 2010 में कंपनी से रिजाइन कर अपनी खुद की एक कंपनी ‘कोव’ (Cove) डाली. अपने फेसबुक के दिनों को याद करते हुए रूचि कहती हैं कि यह काम करने के मामले में दुनिया की सबसे अच्छी कंपनियों में से एक है. उनके मुताबिक कंपनी अब ज्यादा से ज्यादा फीमेल मेंबर्स को रिक्रूट कर रही है. फेसबुक जैसी लीडिंग कंपनी का यह इनीसिएटिव दूसरी कंपनियों को भी जेन्डर इनइक्वलिटी को कम करने के लिये मोटीवेट करती है.

Posted By: Divyanshu Bhard