-कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने का नहीं रखा जा रहा ख्याल

-न सैनिटाइजर और न ही सोशल डिस्टेंसिंग कर रहे फॉलो

एक तरफ शहर के लोग घरों में बंद होकर कोरोनावायरस से जंग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसमें कुछ व्यापारी और छोटे दुकानदारों का साथ नहीं मिल रहा है। व्यापारी सिर्फ अपना धंधा चोखा करने में लगे हैं। अपर बाजार और पंडरा मार्केट में सैकड़ों लोग खरीदारी करने आ रहे हैं। यहां दुकानों के बाहर दर्जनों लोग बगैर किसी सुरक्षा के खरीदारी कर रहे हैं। बार-बार समझाने के बावजूद न तो सोशल डिस्टेंसिंग मेंटन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं। दुकानों में सैनिटाइज का भी इंतजाम नहीं है।

उमड़ती है भीड़

पंडरा और अपर बाजार में दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जिया उड़ रही है। पंडरा बाजार दिन के 11 से चार बजे तक खुलता है। इस दौरान लोगों की भी उमड़ती है। अपर बाजार की हालत और ज्यादा खराब है। लोग सरकार की ओर से बार-बार की जा रही अपील को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। अपर बाजार में सुबह से रात तक रोड पर मजमा लगा रहता है। लोग किसी न किसी बहाने सड़क पर आकर बैठ जाते हैं। दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ रहती है। दिन भर व्यापारियों का आना-जान लगा रहता है। कई दुकानों में तो मास्क और सेनेटाइजर की भी व्यवस्था नहीं है। दुकान के स्टाफ और लेबर मास्क की जगह गमछा लपेट कर काम कर रहे हैं। इन सभी लोगों को कोरोनावायरस के संक्रमण का कोई अंदाजा भी नहीं है।

प्रशासन भी नहीं है मुस्तैद

वैसे तो सड़कों, गलियों और कॉलोनियों में सुबह, दोपहर, शाम और रात में भी पुलिस गश्ती कर रही है, लेकिन जहां फिलहाल सबसे ज्यादा भीड़ हो रही है उस स्थान पर पुलिस का नामोनिशान नहीं है। पंडरा बाजार में पांच घंटे में सिर्फ एक या दो बार ही पीसीआर वैन आती है। वह भी भीड़ खाली कराने के बजाए सिर्फ बाजार में राउंड लगाकर चली जाती है। लॉकडाउन के बाद सिर्फ एक बार एसडीओ लोकेश मिश्रा बाजार का निरीक्षण करने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सभी दुकानों के बाहर सुरक्षा घेरा बनवाया था, लेकिन कुछ दुकानों में घेरा भी मिट चुका है, जहां है वहां लोग इसे मानते नहीं हैं।

व्यापारियों की अफरा-तफरी

चावल व्यापारी श्री भंडार की दुकान पर व्यापारियों की अफरा-तफरी मची थी। सभी जल्दी से जल्दी चावल खरीदने का प्रयास कर रहे थे। सभी को पहले अपना सामान चाहिए था। यहां न सुरक्षा घेरा था, न हाथ सेनेटाइज किया जा रहा था और न ही किसी लेबर एवं संचालक ने मास्क का लगा रखा था। पूछने पर संचालक ने बताया कि एसडीओ, मीडिया एवं प्रशासन के अन्य पदाधिकारी भी समझा-समझा कर हार गए, कोई नहीं सुधरा। बार-बार लोगों को मना किया जाता है, लेकिन वे मानने को तैयार ही नहीं हैं।

Posted By: Inextlive