सुप्रीम कोर्ट ने शाम 5 बजे तक पटाखे ब्रिकी का दिया था आदेश, रात 8 से 10 बजे तक चलाए जाने थे पटाखे

नियमों की जमकर उड़ी धज्जियां, देर रात बिके और चले पटाखे, ग्रीन पटाखों की आड़ में अवैध पटाखों की बिक्री

Meerut। पटाखों की बिक्री से लेकर चलाने तक में प्रशासन का आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ी। जहांपटाखा बेचने समेत पटाखा चलाने का नियम फॉलो नहीं किया किया गया। वहीं ग्रीन पटाखों की आड़ में जमकर अवैध पटाखे चलाए गए, जिससे न केवल शहर में ध्वनि प्रदूषण बढ़ा बल्कि वायु प्रदूषण भी जमकर हुआ।

नियमों की अनेदखी

सुप्रीम कोर्ट के रात 8 से 10 बजे तक आतिशबाजी के आदेश के बावजूद रात 2 बजे तक शहरभर में आतिशबाजी कर दिवाली मनाई गई लेकिन पुलिस की तरफ से इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिला प्रशासन की ओर से अनुमति दिए गए सामूहिक स्थानों के अलावा रविवार को दीपावली के दिन शहर में छोटी-बड़ी दुकानों पर पटाखे बेचे गए। इसके अलावा कंकरखेड़ा की दांतल रोड समेत शहर के अस्थाई लाइसेंस वाले पटाखा बाजार में रात 12 बजे तक नियमों के विपरीत पटाखे बेचे गए जबकि आदेश केवल शाम 5 बजे तक के थे। सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर केवल ग्रीन पटाखे चलाने के आदेश दिए थे, लेकिन शहर में देर रात तक अवैध की आतिशबाजी होती रही।

ध्वनि प्रदूषण में अव्वल रेलवे रोड

दीपावली पर सबसे ज्यादा आतिशबाजी शहर में रेलवे रोड पर हुई है, जबकि सबसे कम कैंट बोर्ड ऑफिस के पास हुई। रेलवे रोड पर ध्वनि प्रदूषण 86.4 डेसीबल मापा गया, जबकि कैंट बोर्ड ऑफिस के पास 64.2 डेसीबल ध्वनि प्रदूषण रिकार्ड किया गया। इसके अलावा भी शहर अन्य जगहों पर भी जमकर आतिशबाजी हुई, जिससे बढ़े ध्वनि प्रदूषण से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।

प्रदूषण विभाग द्वारा जारी आंकड़े

कैंट हॉस्पिटल के पास ध्वनि प्रदूषण 66.8 डेसीबल मापा गया।

कलक्ट्रेट के पास ध्वनि प्रदूषण का आंकड़ा 78.6 डेसीबल दर्ज किया गया।

बेगमपुल पर ध्वनि प्रदूषण 84.2 डेसिबल दर्ज किया गया।

थापर नगर में ध्वनि प्रदूषण 81.2 डेसीबल दर्ज किया गया।

शास्त्रीनगर में ध्वनि प्रदूषण 71.5 डेसीबल दर्ज किया गया।

पल्लवपुरम फेस एक में ध्वनि प्रदूषण 76.7 डेसीबल दर्ज किया गया।

ध्वनि प्रदूषण सभी एरिया में हुआ है। कहीं कम तो कहीं ज्यादा। सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण रेलवे रोड पर दर्ज किया गया।

डॉ। योगेंद्र कुमार, पॉल्यूशन कंट्रोल ऑफिसर, क्षेत्रीय पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड

एयर पॉल्यूशन में चौथे स्थान पर रहा मेरठ

दिवाली पर हुई आतिशबाजी से होने वाले वायु प्रदूषण में वेस्ट यूपी के छह जिलों में मुजफ्फरनगर पहले जबकि मेरठ चौथे स्थान पर रहा। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के जारी आंकड़ों के मुताबिक दीपावली के बाद प्रदूषित शहरों में मेरठ इस बार चौथे स्थान पर रहा है। मुजफ्फरनगर प्रदूषित शहर की लिस्ट में सबसे ऊपर है। हालांकि गाजियाबाद ने दूसरे और हापुड़ तीसरे नंबर पर रहा। बागपत पांचवे और बुलंदशहर छठे स्थान पर रहा।

ये रहा एअर क्वालिटी इनडेक्स का हाल

मुजफ्फरनगर - 442 एक्यूआई

गाजियाबाद - 387 सैकेंड एक्यूआई

हापुड़ 347 - थर्ड एक्यूआई

मेरठ 345 - फोर्थ एक्यूआई

बागपत 342 - पंचम एक्यूआई

बुलंदशहर 320 - छठां एक्यूआई

पटाखों से झुलसे कई लोग

दिवाली की आतिशबाजी के दौरान कई लोग मामूली तौर पर झुलस गए। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ। धीरज ने बताया कि दीवाली की रात जलने के छिटपुट मामले ही पहुंचे। अधिकतर लोगों को हल्का-फुल्की जलने की शिकायत थी। फ‌र्स्ट ऐड के बाद सभी को घर भेज दिया गया। जिला अस्पताल के एसआईसी डॉ। पीके बंसल ने बताया कि इमरजेंसी में एक दो लोग मामूली रूप से घायल पहुंचे थे। यहां भी प्राथमिक उपचार कर सभी को घर भेज दिया गया।

Posted By: Inextlive