इस्लामिक स्टेट के खिलाफ अब पूरा विश्व एकजुट हो गया है और बेशक अमेरिका ने अभी सीधी कार्यवाही में हिस्सा लेना शुरू नहीं किया है पर रूस और फ्रांस ने जंग का एलान करते हुए एक साथ हमलों की रफ्तार बढा दी है और आईएसआईएस को नेस्तानाबूत करने का अभियान प्रारम्भ कर दिया है।


फ्रांस के 10 बमवर्षक विमान कर रहे हैं बमबारीआइएस को खत्म करने का संकल्प लेने के बाद फ्रांस लगातार सीरिया में उसके ठिकानों पर बम बरसा रहा है। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 10 राफेल और मिराज युद्धक विमानों ने रक्का में सोमवार रात 16 बम गिराकर आइएस के दो ठिकानों को तबाह कर दिया। इससे पहले रविवार रात को फ्रांस के विमानों ने 20 बम गिराए थे। इस हमले में अमेरिका भी उसके साथ खुफिया जानकारी साझा कर रहा है और आइएस के ठिकानों के बारे में बता रहा है। पहली बार रूस के निशाने पर आया आईएस  
एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में रूसी विमानों ने भी रक्का में आईएस के कई ठिकानों पर हवाई हमला किया। इससे पहले तक रूस आमतौर पर राष्ट्रपति असद के विरोधी गुटों पर हमले कर रहा था। असद विरोधी इन गुटों को पश्चिमी देशों का समर्थन हासिल है। मास्को ने हालांकि इसको लेकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन रूसी पर्यटकों को ले जा रहे विमान में बम फटने की पुष्टि के बाद व्लादिमीर पुतिन इसका बदला लेने की बात कह चुके हैं। आईएस के खिलाफ मिलकर लडऩे की फ्रांस्वा ओलांद की अपील पर भी रूस ने सकारात्मक रुख दिखाया है। पुतिन ने भूमध्यसागर में मौजूद शीर्ष नौसैनिक अधिकारी को अपने फ्रांसीसी समकक्ष से संपर्क करने और आईएस के खिलाफ संयुक्त रणनीति बनाकर हमला करने का निर्देश दिया है। आईएस के खिलाफ अमेरिका व रूस को एक साथ लाने के लिए ओलांद अगले सप्ताह वाशिंगटन और मास्को की यात्रा पर जा रहे हैं। फ्रांस ने यूरोपीय संघ से मांगी मदद ओलांद ने अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी से भेंट के दौरान भी सीरिया में व्यापक गठबंधन बनाकर कार्रवाई करने का अनुरोध किया। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए केरी ने कहा कि आईएस के खिलाफ अभियान और तेज किया जाएगा। फ्रांस के प्रति एकजुटता दिखाने केरी इस समय पेरिस में हैं। अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए फ्रांस अपने विमानवाहक पोत चाल्र्स डी गॉल को पूर्वी भूमध्य सागर में तैनात करने जा रहा है। इस बीच, फ्रांस ने औपचारिक रूप से सीरिया, इराक और अफ्रीका में अपने अभियान के लिए यूरोपीय संघ से मदद मांगी है। फ्रांस का कहना है कि वह अकेले इतना बोझ बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है। 28 सदस्यों वाला यूरोपीय संघ फ्रांस की मदद के लिए तैयार हो गया है। फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि किस रूप में यह मदद दी जाएगी।

inextlive from World News Desk

Posted By: Molly Seth